भारत में चीनी प्रॉडक्ट के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई जा रही है और लोगों से गुज़ारिश की जा रही है कि वो इस दिवाली चीनी प्रॉडक्ट का इस्तेमाल न करे। जिसके बाद भारत में स्थित चीन ने धमकी दी कि इस तरह के निगेटिव कैंपेन से भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों पर असर पड़ेगा। साथ ही दोनों देशों के बीच संबंध भी ख़राब होगा।
उन्होंने कहा कि चीनी प्रॉडक्ट के बॉयकॉट से चीन का तो नुकसान नहीं होगा लेकिन भारत में चीनी प्रॉडक्ट का कारोबार कर रहे व्यवसायी और उपभोक्ता के लिए मुश्किलें ज़रूर बढ़ जाएगी। चीन बहुत बड़ा निर्यातक देश है और भारत में सिर्फ़ 2 प्रतिशत का कारोबार होता है इसलिए इससे चीन को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।
उन्होंने कहा कि हमें डर है कि अगर इसी तरह से निगेटिव कैंपेन जारी रहा तो भविष्य में चीन के व्यापारी भारत में कुछ भी निर्यात करने से डरेंगे और इन सबका ख़ामियाज़ा भारत को ही भुगतना होगा।
इससे पहले चीनी सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भी कहा था, 'भारत में कुछ नेताओं और नागरिकों ने हाल ही में चीनी उत्पादों के बहिष्कार के अभियान शुरू किए है। लेकिन इससे चीन का कोई नुकसान नहीं होगा।'
चीन ने कहा है कि एनएसजी की सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी और जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिबंध के मुद्दे पर उपजे मतभेदों के मद्देनजर भारत में चीनी सामान के बहिष्कार का जो अभियान चल रहा है, उसका ज्यादा 'राजनीतिक असर' नहीं होने वाला है और यह 'द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों को मूल रूप से बदलने में विफल रहने वाला है।'
व्यापारियों के सबसे बड़े संगठन सीएआईटी ने भी हाल ही में कहा था कि इस दिवाली पर चीनी सामानों की बिक्री 30 फीसदी तक कम हो सकती है। भारत चीनी सामानों का बड़ा बाजार है। पिछले कुछ सालों में खिलौने, फर्नीचर, बिल्डिंग हार्डवेयर, पटाखों, लाइट्स, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, और गिफ्ट आइटम्स की बिक्री बहुत बढ़ गई है। सीएआईटी के मुताबिक, चीनी सामान आमतौर पर काफी सस्ते होते हैं। यह वजह है कि भारतीय बाजार में इसकी पैठ बढ़ रही है।
पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख अजहर पर भारत संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध की मांग कर रहा है। यह संगठन दो जनवरी के पठानकोट हमले का आरोपी है। चीन ने भारत के इस कदम को विफल करते हुए अजहर को संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंधित कराने के मुद्दे पर तकनीकी आधार पर दूसरी बार अड़ंगा लगा दिया था। जिसके बाद से सोशल मीडिया पर चीनी प्रॉडक्ट के ख़िलाफ़ लगातार मुहिम जारी है।
Source : News Nation Bureau