ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमनिक राब ने कहा कि ब्रिटेन और उसके सहयोगी, चीन से कोरोना वायरस प्रसार के बारे में कठोर प्रश्न पूछेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि इस संकट के बाद हमारे बीच कामकाज पहले जैसा नहीं रहेगा. राब ने डाउनिंग स्ट्रीट में प्रेस वार्ता के दौरान चीन के साथ भावी संबंधों को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि हमें यह कठोर प्रश्न पूछना ही होगा कि यह कैसे आया और इसे पहले क्यों नहीं रोका जा सका.
ब्रिटेन की सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश में लॉकडाउन की अवधि कम से कम तीन सप्ताह के लिए बढ़ा दी है. ब्रिटेन में कोरोना वायरस संक्रमण से और 861 लोगों की मौत होने के साथ यह संख्या बढ़कर 13,729 हो गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बृहस्पतिवार को उपलब्ध कराये गये आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है. मृतकों की संख्या कई दिनों तक कम रहने के बाद इस आकंड़े में पिछले दिन की तुलना में 100 की वृद्धि हो गई. ताजा आंकड़ों से यह भी प्रदर्शित होता है कि ब्रिटेन में संक्रमित लोगों की संख्या एक लाख को पार कर गई है.
भारत ने चीन से साढ़े छह लाख जांच किट प्राप्त कीं, और देशों से किट खरीदने के प्रयास तेज किए
भारत ने बृहस्पतिवार को चीन से 6,50,000 कोरोना वायरस जांच किट प्राप्त कीं और अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, फ्रांस तथा जर्मनी समेत अनेक देशों से किट समेत चिकित्सा उपकरणों को खरीदने के उसके प्रयास जारी हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि निज सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट की बड़ी खेप जल्द ही भारत पहुंच सकती है. विदेश मंत्रालय ने दूसरे देशों से महत्वपूर्ण चिकित्सा आपूर्ति के प्रयास तेज कर दिये हैं. चीन से तीन आपूर्तिकर्ताओं से किट आई हैं.
सूत्रों के मुताबिक तीन लाख रैपिड एंटीबॉडी जांच किट ग्वांगझोऊ वांडफो से, ढाई लाख किट झुहाई लिवजोन से तथा एक लाख आरएनए किट एमजीआई शेनझेन से प्राप्त हुई हैं. चीन से खरीदी गयी किट की गुणवत्ता के बारे में पूछे जाने पर सूत्रों ने कहा कि इस बात का पर्याप्त ध्यान रखा गया है कि जिन कंपनियों से माल मंगाया गया है वे निर्यात के अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करती हों.
चीनी चिकित्सा उपकरणों की गुणवत्ता के बारे में प्रतिकूल खबरों के मद्देनजर चीनी दूतावास में प्रवक्ता जी रोंग ने कहा कि चीन चिकित्सा उत्पादों के निर्यात को बड़ा महत्व देता है और उनकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाये गये हैं. जी ने कहा, ‘‘भारत समेत कुछ देशों ने राजनयिक माध्यमों से अपनी मांग उठाई थीं और हमने काबिल कंपनियों के नाम सुझाए. हमें उम्मीद है कि विदेशी खरीददार चीनी नियामक प्राधिकारों द्वारा सत्यापित उत्पाद चुन सकते हैं.’’ भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए पीपीई और जांच किट की गंभीर कमी है.
Source : Bhasha