अमेरिका में कुछ व्यक्तियों ने 5.5 खरब अमेरिकी डॉलर मूल्य की चीनी वस्तुओं के खिलाफ अतिरिक्त टैरिफ लगाकर चीन पर अत्यधिक दबाव डालना चाहा, लेकिन उन्होंने चीन की अवधारणा और क्षमता की गलत समीक्षा की है. अपने केंद्रीय हितों की रक्षा के लिए चीन अविचल है और चीन व्यापार तनाव के प्रभाव के मुकाबले में सक्षम है. बीते एक साल में अमेरिका द्वारा छेड़े गए व्यापार तनाव के मुकाबले में चीन को विवश होकर तीन चरणों के जवाबी कदम उठाने पड़े, लेकिन चीन ने अनेक बार यह कहा है कि व्यापार युद्ध में कोई भी विजेता नहीं बनेगा, जरूरत पड़ी तो चीन इससे पीछे नहीं हटेगा. अमेरिका ने चीन के सिर पर टैरिफ की लाठी लगाते हुए चीन को हटने के लिए बाध्य किया, लेकिन चीन ने विवश होकर दृढ़ता से जवाब दिया.
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने चीन के रुख का व्यापक समर्थन किया गया है. ब्रिटेन की लंदन आर्थिक और व्यापार नीति एजेंसी के पूर्व प्रधान जॉन रॉस्स ने कहा कि चीन का जवाबी कदम अमेरिका द्वारा चीनी उत्पादों के खिलाफ अतिरिक्त कर वसूली लगाने के बाद स्वाभाविक कार्यवाही है. अमेरिका चीन की आर्थिक शक्ति और आर्थिक वृद्धि को जानबूझकर अनदेखा कर चीन की आर्थिक मंदी की कल्पना में डूबा हुआ है.
वास्तव में अपनी अद्भुत विकास संभावना और गुंजाइश के सहारे चीन अमेरिकी धौंस के सामने सिर नहीं झुकाएगा, क्योंकि चीन अपनी घरेलू खपत का विस्तार करने से व्यापार तनाव के प्रभाव को कम कर सकेगा. वर्तमान में उपभोग चीन के आर्थिक विकास को बढ़ाने की सबसे बड़ी शक्ति बन चुका है. दूसरी तरफ चीन क्षेत्रीय समन्वय को बढ़ाकर आर्थिक वृद्धि की नई शक्तियों का विकास कर रहा है.
चीन में वित्तीय खुलेपन की प्रगति हासिल हो गई है. विदेशी निवेश कानून समेत संस्थागत खुलेपन में लगातार सुधार होता रहा है. इस वर्ष के जुलाई में चीन में विदेशी निवेश की 7.3 प्रतिशत वृद्धि हो चुकी है. अमेरिका ने अनेक बार बहुपक्षीय व्यापार नियमों को रौंद कर दूसरे देशों के खिलाफ धौंस जमायी है, आशा है कि वे ठंडे दिमाग से चीन की इच्छा और क्षमता की सही समीक्षा कर सकेंगे. अगर अमेरिका मनमाने ढंग से काम करेगा तो चीन को विवश होकर अमेरिका के साथ अंत तक खेल खेलना पड़ेगा.
Source : आईएएनएस