चीन ने कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को सुधारने में रचनात्मक भूमिका निभाना चाहता है। चीन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पाकिस्तान के अपने समकक्ष इमरान खान को पत्र लिखे जाने का स्वागत किया। हालांकि, बीजिंग की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया कि उसकी 'रचनात्मक भूमिका' का क्या अभिप्राय है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा, 'द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने को लेकर भारत और पाकिस्तान के नेताओं के बयानों का हम स्वागत करते हैं।'
लू ने कहा, 'पाकिस्तान और भारत के पड़ोसी होने के नाते चीन दोनों पक्षों के बीच वार्ता में प्रगति लाने और आपसी विश्वास बहाली व उनके मतभेदों को सही तरीके से सुलझाने का समर्थन करता है। हम आशा करते हैं कि क्षेत्रीय शांति और विकास के प्रति दोनों पक्ष संयुक्त रूप प्रतिबद्ध हो सकते हैं। चीन इस दिशा में रचनात्मक भूमिका निभाना चाहता है।'
उनसे जब यह पूछा गया कि चीन द्वारा 'रचनात्मक भूमिका' निभाने से उनका क्या अभिप्राय है तो उन्होंने कहा, 'मैंने महज इतना कहा कि हम द्विपक्षीय संबंधों में सुधार लाने के लिए भारत और पाकिस्तान के सकारात्मक बयान से प्रसन्न हैं। हम उसका स्वागत करते हैं और हम इस संबंध में रचनात्मक भूमिका निभाना चाहेंगे।'
उनसे जब पूछा गया कि रचनात्मक भूमिका से क्या उनका मतलब मध्यस्थ की भूमिका निभाना है तो उन्होंने कहा, 'इस संबंध में मैं पहले से ही निर्णय नहीं दे सकता या यह कि किस पहलू व क्षेत्र में हम क्या करेंगे।'
मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री चुने जाने पर इमरान खान को पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने क्षेत्र की भलाई के लिए पड़ोसी देश के साथ अच्छे रिश्ते बनाने और 'अर्थपूर्ण व रचनात्मक संपर्क' पर बल दिया था। मोदी ने भारतीय उपमहाद्वीप को आतंक और हिंसा मुक्त बनाने की आवश्यकता पर बल दिया था।
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बजाहिर, मोदी के पत्र पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए खान ने ट्वीट के जरिए कहा, 'आगे बढ़ने के लिए भारत और पाकिस्तान को बातचीत करनी ही चाहिए और कश्मीर समेत आपसी मतभेदों का समाधान करना चाहिए।' इससे पहले, खान ने कहा था कि भारत अगर एक कदम चलेगा तो पास्तिान दो कदम बढ़ाएगा।
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Source : IANS