भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है. इस बीच चीन ने धमकाते हुए कहा, चीन-अमेरिका (US-China Dispute) विवाद से भारत को दूर ही रहना चाहिए. चीन ने कहा कि इसमें दखल देने से भारत को बड़ा नुकसान हो सकता है. जानकार मानते हैं कि चीन और अमेरिका में कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के बाद से शुरू हुआ ये विवाद दुनिया को 'नए कोल्ड वॉर' की तरफ धकेल सकता है.
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चीनी सरकारी मीडिया 'ग्लोबल टाइम्स' के एक लेख के अनुसार, चीन ने कहा कि कुछ शक्तियां भारत सरकार को इस 'कोल्ड वार' में एक पक्ष में खड़ा होने को कह रही हैं. ऐसी शक्तियां भारत सरकार के आधिकारिक स्टैंड से संबंध नहीं रखती हैं और चीन के बारे में गलत सूचनाएं और अफवाह फैला रही हैं. चीन-अमेरिका विवाद में भारत का फायदा बेहद कम, लेकिन नुकसान काफी बड़ा हो सकता है. इसी के चलते मोदी सरकार इस हालात से काफी समझदारी से निपट रही है.
चीन का कहना है कि आगे एक नया कोल्ड वॉर शुरू होता है और भारत अमेरिका के पक्ष में जाता है तो यह चीन और उसके व्यापारिक रिश्तों के लिए काफी घातक साबित हो सकता है. अगर भारत अमेरिका का मोहरा बनता है तो इन दोनों पड़ोसी देशों के ट्रेड रिलेशन ख़त्म हो जाएंगे जिससे भारत की अर्थव्यवस्था जो अभी काफी झटके झेल रही है, पर काफी बुरा प्रभाव पड़ सकता है. अभी भारत के लिए अर्थव्यवस्था के बर्बाद होने से बुरा कुछ नहीं हो सकता. हम भारत को फिर सलाह देते हैं कि वह चीन से अपने रिश्तों के बारे में गंभीरता से सोचे और आंतरिक राष्ट्रवाद की भावना के चक्कर में पड़े.
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उधर, गृह मंत्री अमित शाह का कहना है कि मौजूदा सीमा विवाद को लेकर चीन के साथ कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत चल रही है और उम्मीद है कि इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा. साथ ही पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी में शाह ने कहा कि भारत अपनी सीमाओं पर किसी भी उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेगा और ऐसे कदमों का उचित जवाब देगा. एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में अमित शाह बोले, 'अभी कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर संवाद चल रहे हैं और मुझे विश्वास है कि यह मुद्दा हल हो जाएगा.'
अमित शाह बोले, मोदी सरकार अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को कमजोर नहीं होने देगी और देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए सभी कदम उठाएगी. इस संबंध में किसी को भी कोई संदेह नहीं होना चाहिए. पाकिस्तान को लेकर अमित शाह ने कहा, भारत ने कभी भी विस्तारवादी नीति नहीं अपनाई है लेकिन वह अपनी सीमाओं पर किसी भी उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेगा. अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करता है, तो हम मुंहतोड़ जवाब देंगे. यह हमारा कर्तव्य और जिम्मेदारी है.
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इस बीच खबर है कि भारत और चीन पूर्वी लद्दाख के विवादित क्षेत्र के पास स्थित अपने सैन्य अड्डों पर भारी उपकरण, तोप व युद्धक वाहनों समेत हथियार प्रणालियों को पहुंचा रहे हैं. बताया जा रहा है कि चीनी सेना पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास अपने पीछे के सैन्य अड्डों पर क्रमिक रूप से तोपों, पैदल सेना के युद्धक वाहनों और भारी सैन्य उपकरणों का भंडारण बढ़ा रही है.
चीन के इस कदम का भारतीय सेना भी मुंहतोड़ जवाब दे रही है. भारतीय सेना इस क्षेत्र में अतिरिक्त जवानों के साथ ही उपकरणों और तोप जैसे हथियारों को वहां पहुंचा रही है. साथ ही विवादित क्षेत्र में भारतीय वायुसेना के विमान कड़ी निगरानी कर रहे हैं.
Source : News Nation Bureau