इजराइल में चीन के कार्यकारी दूत ने अपने उस बयान पर रविवार को माफी मांग ली जिसमें उन्होंने चीन के नागरिकों के लिए विभिन्न राष्ट्रीय सीमाओं को बंद करने की तुलना यहूदी नरसंहार के दौरान यहूदी शरणार्थियों के प्रति मुंह मोड़ने से की थी. दरअसल चीन में नए किस्म के वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए कई देशों ने वहां के नागरिकों के लिए अपनी सीमाएं बंद कर ली हैं. दाय युमिंग ने तेल अवीव में संवाददाताओं से कहा था कि चीन के नागरिकों के प्रवेश को प्रतिबंधित करना या सीमित करना एक गलती है जो उन्हें द्वितीय विश्व युद्ध के उन दिनों की याद दिला रही है जब यहूदी नरसंहार हुआ था, जो मानवीय इतिहास के सबसे काले दिन थे.
दाय ने कहा था, ‘‘लाखों यहूदियों को मार दिया गया, और जब उन्होंने अन्य देशों की मदद मांगी तो इससे इनकार कर दिया गया. केवल कुछ देशों ने ही उनके लिए दरवाजे खोले, उन देशों में से एक चीन था.’’ इसके बाद इजराइल में चीन के दूतावास ने एक वक्तव्य जारी किया था जिसमें कहा था, ‘‘वर्तमान हालात की तुलना यहूदी नरसंहार से करने के पीछे कोई इरादा नहीं था और इजराइल की सरकार ने अपने नागरिकों की रक्षा के लिए प्रयास किए हैं.’’ इसमें आगे कहा गया, ‘‘अगर किसी ने हमारे संदेश को गलत ढंग से लिया तो इसके लिए हम माफी चाहते हैं.’’
इजराइल ने बृहस्पतिवार को चीन तक सीधी उड़ानें रोक दी और इजराइल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सीमा नियंत्रण एजेंटों को यह अधिकार दे दिया कि वह बीते दो हफ्ते में चीन से आए गैर इजराइली लोगों को प्रवेश देने से इनकार कर सकते हैं.
Source : Bhasha