जब से विश्व भर में कोविड-19 (COVID-19) की महामारी ने पैर पसारे हैं, तब से मास्क की डिमांड में भारी इजाफा हुआ है. कोई भी देश अपने यहां पूरी तरह से मास्क व ग्लव्ज आदि बचाव संबंधी चीजों की मांग पूरा करने में सक्षम नहीं है. ऐसे में मास्क (Mask) बनाने वाली कंपनियों पर बहुत दबाव है. इस बीच कुछ देशों का आरोप है कि चीन में वायरस से बचाव संबंधी उपकरणों में खामियां सामने आ रही है.
क्वालिटी का पूरा ध्यान
इसे देखते हुए हमने बीजिंग स्थित एक मास्क उत्पादक कंपनी का दौरा करने का फैसला किया ताकि चीन में मास्क आदि की गुणवत्ता को लेकर उठ रहे सवालों के जवाब खोजे जा सके. मीडिया में आ रही खबरों को देखते हुए मेरे मन में भी आशंका थी कि चीन में पीपीई किट, टेस्टिंग किट के निर्माण में कोई कमी तो नहीं है. लेकिन जब हम थूलिंग कंपनी के प्रोडक्शन सेंटर पहुंचे तो लगा कि वहां पर साधारण मास्क बनाने में भी क्वालिटी का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. वहां मास्क बनाने के लिए जरूरी सभी मापदंडों की गारंटी की जाती है.
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जरूरत के लिहाज से उत्पादन
अभी तक कंपनी द्वारा तैयार किए गए मास्क में कोई भी कमी नजर नहीं आयी है. हालांकि यह कंपनी सर्जिकल मॉस्क तैयार नहीं करती है, क्योंकि सर्जिकल मास्क बनाने के लिए ज्यादा बेहतर क्वालिटी के फेब्रिक की जरूरत होती है. बताते हैं कि कोरोना वायरस फैलने से पहले यह कंपनी सिर्फ मेडिकल उपकरण बनाती थी, लेकिन मास्क की भारी जरूरत के मद्देनजर कंपनी इन्हें तैयार करने लगी है.
एक लाख का रोजाना उत्पादन
फिलहाल इस कंपनी में दो उत्पादन लाइनें चल रही हैं, जिनमें रोजाना 1 लाख से अधिक मास्क बनाए जाते हैं, जबकि कोरोना वायरस महामारी शुरू होते वक्त यहां सिर्फ 10-20 हजार मास्क ही तैयार हो पाते थे. महामारी के वैश्विक फैलाव से मास्क की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ गयी है. ऐसे में विश्व की तमाम कंपनियों पर उत्पादन बढ़ाने का दबाव साफ नजर आता है. अब तक इस कंपनी ने पांच लाख से अधिक मास्क अमेरिका में भेजे हैं, जबकि जापान में दस लाख से ज्यादा मास्क निर्यात किए गए हैं. बताया जाता है कि चीन ने गत 1 मार्च से 25 अप्रैल के बीच कुल 21.1 अरब मास्क का निर्यात किया. मास्क का इतनी भारी मात्रा में निर्यात यह दर्शाता है कि दुनिया भर में कितनी डिमांड है.
Source : News State