चीन ने एक बार फिर से भारत पर युद्ध की स्थिति बनाने का आरोप लगाया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे दो अलग-अलग लेखों में नरेंद्र मोदी की सरकार पर सीमा गतिरोध को लेकर 'लापरवाह' होने का आरोप लगाते हुए 'युद्ध की तरफ धकेलने' का आरोप लगाया है।
ग्लोबल टाइम्स के संपादकीय में जहां मोदी सरकार पर भारत को 'युद्ध की तरफ धकेलने' का आरोप लगाया गया है वहीं एक अन्य लेख में डाकोला से भारतीय सेना को खदेड़ने के लिए 'छोटे स्तर पर सैन्य अभियान' चलाने की योजना का जिक्र किया गया है।
संपादकीय में लिखा गया है, 'अगर मोदी सरकार इस गतिरोध को नहीं रोकती है तो यह देश को युद्ध की तरफ धकेलना होगा और फिर इसे नियंत्रित करना भारत के वश में नहीं होगा।'
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संपादकीय में मोदी सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया गया है। अखबार ने लिखा है कि कि मोदी सरकार अपने लोगों से झूठ बोल रही है कि '2017 का भारत 1962 के भारत से अलग है।'
'पिछले 50 सालों में दोनों देशों के बीच की ताकत का अंतर बहुत बड़ा है। अगर मोदी सरकार युद्ध शुरु करना चाहती है तो उसे कम से कम अपने लोगों को सच्चाई बतानी चाहिए।'
ग्लोबल टाइम्स में ही एक दूसरे लेख में विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है कि चीन डाकोला से भारतीय सेना को खदेड़ने के लिए 'छोटे स्तर पर सैन्य अभियान' चलाने की योजना बना रहा है।
ग्लोबल टाइम्स में छपे इस लेख में कहा गया है कि चीन दो हफ्तों के भीतर सैन्य कार्रवाई की मदद से डाकोला से भारतीय सेना को खदेड़ने की योजना बना रहा है।
शंघाई एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज में इंटरनैशनल रिलेशंस के एक्सपर्ट हु जियोंग के हवाले से ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, 'चीन डोकलाम में लंबे समय तक गतिरोध बनने देने के पक्ष में नहीं है। दो हफ्तों के भीतर भारतीय सेना को खदेड़ने के लिए छोटे स्तर पर सैन्य अभियान चलाया जा सकता है।'
संपादकीय में कहा गया है, 'चीन की जनमुक्ति सेना लड़ाई के लिए पर्याप्त तैयारियां कर चुकी है। यह ऐसा युद्ध होगा, जिसका नतीजा पहले से तय है।'
अखबार ने लिखा है, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चीन की जनमुक्ति सेना की क्षमताओं के बारे में पता होना चाहिए। भारतीय सेना इसके मुकाबले कहीं नहीं टिकती है।'
ग्लोबल टाइम्स का यह संपादकीय वैसे समय में आया है जब चीन के विदेश मंत्रालय ने हफ्ते भर पहले ही डोकलाम से भारतीय सैनिकों को तत्काल वापस बुलाए जाने की अपील की थी। इससे पहले ऐसे ही एक लेख में चीन ने भारत को धमकाते हुए कहा था कि वह अभी तक सीमा विवाद के मामले में धैर्य बरत रहा है लेकिन उसके भी सहने की क्षमता है।
चीन के सरकारी मीडिया को वहां की सरकार का अनाधिकारिक प्रवक्ता माना जाता है और यह सरकार के रुख को जाहिर करता है।
भारत और चीन के बीच पिछले एक महीने से अधिक समय से गतिरोध जारी है, जिसे लेकर चीन कई बार भारत को सीधे तौर पर युद्ध की धमकी दे चुका है। वहीं भारत ने साफ कर दिया है कि सेना को हटाए बिना इस गतिरोध पर कोई बातचीत नहीं होगी।
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HIGHLIGHTS
- सीमा विवाद के मामले में चीन ने एक बार फिर से भारत पर युद्ध की स्थिति बनाने का आरोप लगाया है
- ग्लोबल टाइम्स में छपे संपादकीय में नरेंद्र मोदी की सरकार पर डोकलाम गतिरोध को लेकर 'धृष्टता' का आरोप लगाते हुए 'युद्ध की तरफ धकेलने' का आरोप लगाया है
Source : News Nation Bureau