चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शनिवार को कहा कि जिन देशों ने संरक्षणवाद का दामन थामा है, उनके हाथ असफलता ही लगी है. शी ने चेताते हुए कहा कि अमेरिका और चीन के बीच इस व्यापार युद्ध में किसी की जीत नहीं होगी. शी ने पापुआ न्यू गिनी में एशिया प्रशांत सहयोग फोरम (एपेक) सम्मेलन में अपने संबोधन में कहा, 'इतिहास गवाह है कि टकराव, फिर चाहे वह शीत युद्ध, आक्रामक (हॉट) युद्ध या व्यापार युद्ध के रूप में हो, इसमें किसी की जीत नहीं हुई है.'
अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा कि वह चीनी उत्पादों पर आयात शुल्क दोगुने से अधिक करने के लिए तैयार थे.
चीन और अमेरिका के बीच इस साल व्यापार युद्ध चरम पर रहा है. व्हाइट हाउस का कहना है कि चीन की अनुचित व्यापार नीतियों की वजह से ही अमेरिका ने उस पर आयात शुल्क लगाया है.
शी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक सुशासन के लिए दुनिया को साझा नियमों की जरूरत है, जो स्वार्थी एजेंडे से परे हों. उन्होंने कहा कि सिर्फ खुलेपन और सहयोग से ही अधिक अवसर हो सकते हैं और विकास के लिए अधिक गुजाइंश बन सकती है.
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शी ने कहा, 'असहमतियों को एक-दूसरे पर प्रतिबंध लगाने के बजाए चर्चा और सलाह मशवरे से सुलझाए जाने की जरूरत है.'
वहीं अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा, "अमेरिका तब तक नहीं बदलेगा, जब तक चीन अपने तरीकों में बदलाव नहीं लाएगा.'
Source : IANS