अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस पर चीन के सैनिकों की मौजूदगी को लेकर अफगानिस्तान की स्थानीय मीडिया में लगातार खबरें आ रही हैं. स्थानीय लोगों का भी कहना है कि एयरबेस पर रोशनी जलते हुए दिखाई दी और कुछ आवाजें सुनाई दीं. हालांकि अफगानिस्तान के सूचना और संस्कृति मंत्रालय ने परवान में बगराम बेस पर चीनी सेना की खबरों का खंडन किया है. मंत्रालय के सांस्कृतिक आयोग के एक सदस्य, उमर मंसूर ने कहा, वर्तमान में अफगानिस्तान में चीनी सहित कोई विदेशी सैनिक नहीं हैं.
मंसूर ने कहा कि बगराम बेस पर इस्लामिक अमीरात से जुड़ी ताकतों ने लाइटें जला दीं थीं.
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वहीं बगराम के स्थानीय निवासियों ने कहा कि शनिवार रात को बेस पर रोशनी देखी गई थी. अमेरिकी सैनिकों के बेस छोड़ने के बाद पहली बार इस तरह की रोशनी देखी गई. बगराम जिले के निवासी शमशाद ने कहा, “बगराम वायुसेना अड्डे पर फिर से रोशनी चालू कर दी गई है. बेस पर कुछ आवाजें सुनाई दीं. वहां एक हवाई जहाज भी देखा गया है. बगराम बेस पर चीनी सैनिकों की कथित मौजूदगी की अटकलें लगाई जा रही हैं. इस बारे में कि क्या चीनी सेना बगराम में है या नहीं, अफगानिस्तान के राष्ट्रीय एकजुटता आंदोलन के नेता सैयद इशाक गिलानी ने कहा, "मुझे ऐसा नहीं लगता, क्योंकि इस्लामिक अमीरात को पूर्व की गलतियों को नहीं दोहराना चाहिए". गौरतलब है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने था कहा कि विदेशी बलों की वापसी के बाद अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य उपकरणों तक चीन की पहुंच हो गई है.
एयरबेस को लेकर पहले से चल रही अटकलें
चीन वर्तमान में अपने विदेशी आर्थिक निवेश कार्यक्रम, 'बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव' के तहत श्रमिकों, सैनिकों और अन्य कर्मचारियों को बगराम हवाई क्षेत्र में भेजने के लिए एक संभाव्यता अध्ययन कर रहा है. इसके बाद यह अटकलें भी तेज हो गई थी कि क्या तालिबान सरकार अफगानिस्तान के बगराम एयर बेस को चीन को देने वाला है. कुछ समय पहले से ही यह चर्चा चल रही थी कि तालिबान ने अमेरिकी सैनिकों द्वारा खाली किये गये अफगानिस्तान के महत्वपूर्ण बगराम वायु सेना केंद्र को उसे सौंपने की योजना बनाई है. लेकिन अब एक और खबर चर्चा में है.
HIGHLIGHTS
- अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस पर लगी हैं चीन की निगाहें
- पीएलए की मौजूदगी को लेकर लग रही अटकलें
- अफगानिस्तान के सूचना और संस्कृति मंत्रालय ने खबरों का खंडन किया