Israel-Palestinian Conflict: फिलिस्तीन को आजाद राष्ट्र का दर्जा देने के वाले देशों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इजराइल के बड़ी कार्रवाई करते हुए आयलैंड और नॉर्वे से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया. इसकी वजह है कि दोनों देशों ने राज्य को मान्यता देने की घोषणा की है. विदेश मंत्री काट्ज का आरोप है कि मान्यत देने का निर्णय गाजा में बंद इजराइली बंधकों की वापसी की कोशिश में बाधा पैदा कर सकता है. यह निर्णय हमास के ‘जिहादियों’ का उत्साह बढ़ाएगी. इसके बाद संघर्षविराम की संभावना कम हो जाएगी. वहीं इजराइल ने स्पेन को भी धमकी दी है कि अगर स्पेन ने इसी तरह का रुख अपनाया तो स्पेन से भी इजराइली राजदूत को वापस बुलाया जाएगा.
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दो राष्ट्रों के समझौते में शांति स्थापना काफी अहम: स्टोरे
आपको बता दें कि यूरोपीय यूनियन के सदस्य देश आयरलैंड, स्पेन, स्लोवेनिया और माल्टा जैसे देश फिलिस्तीन को आजाद देश की मान्यता देना चाहते हैं. नार्वे के पीएम जोनस गहर स्टोरे ने फिलिस्तीन राज्य की मान्यता देने की घोषणा देते हुए कहा, मध्य पूर्व में दो राष्ट्रों के समझौते में शांति स्थापना काफी अहम है. गहर स्टोरे का कहना है कि नॉर्वे अरब पीस के पक्ष में है. हम अधिकारिक तौर पर 28 मई तक फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देंगे. हमास को लेकर गहर स्टोरे का कहना है कि हमास दो राष्ट्र के पक्ष में नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राज्य मिलने का मौलिक अधिकार है.
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139 देशों ने फिलिस्तीन को मान्यता दी है
32 साल बाद यानि 1988 के बाद ऐसा पहली बार है कि यूएन के 193 सदस्य देशों में अब तक 139 देश फिलिस्तीन को आजाद राज्य की मान्यता दे चुके हैं. भारत भी फिलीस्तीन को एक आजाद राष्ट्र की मान्यता देता है. इजराइल फिलिस्तीन विवाद के हल को लेकर भारत की विदेश नीति भी दशकों से 1967 की सीमाओं पर दो राष्ट्र की स्थापना का समर्थन करती है.
Source : News Nation Bureau