लाहौर के मुल्तान रोड पर प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के सदस्यों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं, जिसमें कुछ समूह समर्थकों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए. सूत्रों ने कहा कि इस टकराव में 11 पुलिस अधिकारी घायल हुए हैं, जिनमें एक पुलिस उपाधीक्षक और अन्य लोगों को दंगाइयों ने बंधक बना लिया. मरकज में कुछ टीएलपी सदस्य कथित रूप से मारे गए हैं, लेकिन अब तक केवल दो मौतों की पुष्टि की गई है. इसके अलावा टीएलपी नेताओं का कहना है कि संघर्ष में मारे गए सदस्यों को तब तक नहीं दफनाया जाएगा, जब तक कि उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती.
एक सूत्र ने कहा, 'टीएलपी आज शाम को अपना लंबा मार्च शुरू कर सकता है, जो कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को और कमजोर करेगा.' संघर्ष की शुरूआत रविवार सुबह हुई, जब प्रतिबंधित समूह के सदस्य पार्टी के सदर कार्यालय के बाहर जमा हुए और अपने प्रमुख साद हुसैन रिजवी की गिरफ्तारी के खिलाफ नारेबाजी की. सूत्र ने कहा कि टीएलपी के गढ़ लाहौर के चौक यतीम खाना में टीएलपी प्रदर्शनकारियों और पुलिस एवं अन्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच सुबह 8:30 बजे से हिंसक झड़पें शुरू हुई थी.
सुरक्षाकर्मियों के रूप में दोनों पैरामिलिट्री पाकिस्तान रेंजर्स और स्थानीय पुलिस शामिल रही और वह स्थिति बढ़ने पर मौके पर पहुंचे. इस बीच फायरिंग के अलावा पथराव भी किया गया और सुरक्षाकर्मी इसकी चपेट में आ गए. स्थानीय पुलिस ने कहा कि रिजवी के समर्थकों ने उन पर पेट्रोल बम से हमला किया. भीड़ ने नवाकोट थाने में धावा बोला और डीएसपी उमर फारूक, पांच कांस्टेबल और दो रेंजर्स अधिकारियों को घंटों बंधक बनाकर रखा और उन्हें प्रताड़ित भी किया. इसके बाद विरोध स्थलों पर पुलिस कर्मियों की भारी तैनाती की गई, क्योंकि पुलिस का मानना है कि प्रदर्शनकारी बाद में फिर से हंगामा करेंगे.
इससे पहले तोडफोड़ के दौरान, पुलिस ने हजारों टीएलपी समर्थकों को गिरफ्तार किया है. गुरुवार को सरकार ने औपचारिक रूप से पार्टी पर प्रतिबंध लगा दिया था. आंतरिक मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि टीएलपी आतंकवाद में लिप्त है और देश की शांति एवं सुरक्षा के लिए पूर्वाग्रहपूर्ण तरीके से काम करता है. अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि धार्मिक समूह ने जनता को डराया है और इसने हर वर्ग को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है, जिसमें कानून प्रवर्तन एजेंसियां और निर्दोष नागरिक शामिल हैं.
बता दें कि पाकिस्तान में धार्मिक नेता साद हुसैन रिजवी और उसके कई सहयोगियों की गिरफ्तारी के बाद देश के कई हिस्सों में तनाव बना हुआ है. इस बीच पुलिस ने साद समेत तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान पार्टी के कई नेताओं के खिलाफ आतंकवाद रोधी कानून के तहत मुकदमा भी दर्ज किया है. साद रिजवी की गिरफ़्तारी के बाद शुरू हुए प्रदर्शनों से सबसे अधिक प्रभावित लाहौर रहा है. लाहौर पुलिस ने तहरीक ए लब्बैक पाकिस्तान के मुखिया साद हुसैन रिजवी और दूसरे नेताओं एवं पार्टी कार्यकर्ताओं पर पाकिस्तान दंड संहिता की अलग-अलग धाराओं, आतंकवाद विरोधी कानून और लोक व्यवस्था अध्यादेश के तहत मामला दर्ज किया है.