अफगानिस्तान में एक बार फिर से तालिबानी राज की वापसी हो गई है. तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में आत्मघाती हमले हो रहे हैं. इस बीच पूरी दुनिया अफगानिस्तान में फंसे अपने लोगों को निकालने में जुटी है. भारत भी उनमें से एक है. तालिबानियों की ओर से लोगों को अपने देश जाने के लिए 31 अगस्त तक की डेडलाइन दी गई है. इसके बाद तालिबानी अफगानिस्तान में अपनी सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू करेंगे. इस बार तालिबान के लिए अफगानिस्तान आसान नहीं होगा. आइये हम आपको बताते हैं कि तालिबानी सरकार बनने के बाद अफगानी लोगों की क्या स्थिति होगी?
इस बार तालिबान के लिए आसान नहीं अफगानिस्तान
- अफगानिस्तान की 67% आबादी युवा है.
- 3 करोड़ लोगों की उम्र 18 से 25 साल है.
- पिछले 20 सालों में अफगानिस्तान में एक युवा पीढ़ी खड़ी हो चुकी है.
- अफगानिस्तान की ये युवा पीढ़ी स्कूल कालेज में पढ़कर कर बड़ी हुई है.
- मोबाइल, इंटरनेट के जरिये दुनिया से जुड़ी है.
- इस युवा पीढ़ी ने चुनाव वोट विकास सब देखा है.
- मानवाधिकार को लेकर जागरूक है.
- तालिबान इनको दमन से दबा नहीं सकता.
- तालिबान अगर दमन करेगा तो दुनिया को जवाब देना होगा.
- अंतरराष्ट्रीय मान्यता हासिल करने में परेशानी आएगी.
- कूटनीतिक और आर्थिक परिणामों से दो-चार होना होगा.
हथियारों- सैन्य साज़ो सामान का अमेरिकी ज़ख़ीरा अब तालिबान के पास
- अमेरिका 8.84 लाख हथियार और सैन्य उपकरण छोड़कर गया है.
- 6 लाख के करीब आधुनिक सैन्य हथियारों का जखीरा है.
- अमेरिका के 208 विमान और हेलीकॉप्टर अब तालिबान के कब्जे में हैं.
- 23 ए- 29 लाइट अटैक विमान इसमें शामिल हैं.
- 60 ट्रांसपोर्ट विमान हैं, जिनमें सी 130, सी-182, टी-182 और एएन-32 शामिल हैं.
- 18 पीसी-12 सर्विलांस विमान हैं.
- 8 चालक रहित विमान हैं.
- 33 ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर.
- 32 एमआई 17 हेलीकॉप्टर.
- 43 एमडी 530 हेलीकॉप्टर
- 3,58,530 आधुनिक रायफल
- 3,598 घातक एम-4 कार्बाइन
- 64 हजार मशीन गन
- 25 हजार ग्रेनेड लॉन्चर
- 1,23,295 आधुनिक पिस्टल
- 9,877 रॉकेट आधारित हथियार
- 2,306 मोर्टार और तोप
- 7,58,98 युद्धक वाहन
- 31 मोबाइल स्ट्राइक फोर्स व्हीकल
- 3012 हमवीज युद्धक वाहन
- 1005 क्रेन और रिकवरी वाहन
- 928 बारूदी सुरंग से बचाने वाले एमएआरपी वाहन
- 189 बख्तरबंद वाहन
- 16191 इंटेलिजेंस, सर्विलांस और टोही उपकरण
- 29681 विस्फोटक निष्क्रिय करने वाले उपकरण
- 162643 संचार उपकरण
- 16035 नाइट विजन डिवाइस
- 120 रेडियो मॉनिटरिंग सिस्टम
- 6 सर्विलांस बैलून
- 22 ग्राउंड बेस्ड सर्विलांस सिस्टम
अफगानिस्तान का नाम-झंडा सब बदल जाएगा
- अफगानिस्तान अब इस्लामिक अमीरात ऑफ़ अफ़ग़ानिस्तान बन जाएगा
- अफगानिस्तान अब तक इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान के नाम से जाना जाता था
- अफगानिस्तान का झंडा बदल जाएगा
- तालिबान का झंडा अफगानिस्तान का झंडा होगा
- नया झंडा सफेद रंग का होगा, जिस पर कलमा शहादत लिखा होगा
- अब तक अफगानिस्तान के झंडे में तीन रंग होते थे- काला ,लाल और हरा
- तीन रंगों वाला अफगानिस्तान का झंडा 2013 में अपनाया गया था.
- अब तक कुल 19 बार अफगानिस्तान का झंडा बदला जा चुका है.
मुल्क का नाम बदलकर दुनिया को क्या संदेश देना चाहता है तालिबान
- तालिबान के लिए इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान का खास मतलब है
- अमीरात शब्द जोड़कर तालिबान बताना चाहता है कि शासन धार्मिक आधार पर ही चलेगा
- अमीरात व्यवस्था वाले मुल्कों में अक्सर राष्ट्राध्यक्ष धार्मिक नेता ही होते हैं
- डेमोक्रेटिक देशों में राष्ट्रपति धार्मिक नेता नहीं होते हैं
- राजनीतिक और धार्मिक शक्तियां एक व्यक्ति में केंद्रित होती हैं
तालिबान अफगानिस्तान में जिस अमीरात व्यवस्था वाली सरकार की बात कर रहा है, वो कैसी होगी?
- साल 2004 में अफगानिस्तान में बनी सरकार पर पश्चिमी मुल्कों का असर था
- उस वक्त बने संविधान ने देश को 'इस्लामी गणराज्य' का दर्जा दिया था
- लोकप्रिय जन आकांक्षाओं से चलने वाली लोकतांत्रिक सरकार की व्यवस्था की गई थी
- अब तालिबान शासन में अब तक चले आ रहे संविधान की जरूरत नहीं होगी
- अफगानिस्तान में अब कोई चुनाव नहीं होंगे
- तालिबान की हुकूमत जनता की मर्जी पर नहीं चलेगी
- जो भी शख़्स अमीर बनेगा उसके पास राजनीतिक और न्यायिक शक्तियां होंगी, वही धार्मिक सत्ता भी होगा
कैसी होगी महिलाओं की स्थिति?
- तालिबान शासन की सत्ता में महिलाओं की कोई भागीदारी नहीं होगी
- लड़के और लड़कियां एक ही स्कूल कालेज में नहीं पढ़ पाएंगे
- लड़कियां न्यूज़ ऐंकर, रिपोर्टर नहीं बन पाएंगी
- ब्यूटी पार्लर पर सख्ती होगी, पार्लर के बाहर किसी मॉडल की तस्वीर नहीं लगेगी
- किसी इश्तेहार, ऐड में लड़कियों की तस्वीर नहीं होगी
- लड़कियों-औरतों के लिए हिजाब ज़रूरी होगा
- लड़कियां, औरतें अकेले बाज़ार नहीं जा सकेंगी
आम लोगों पर फौरी असर
- फिल्म इंडस्ट्री बंद हो जाएगा
- टीवी पर फ़िल्में नहीं दिखेंगी
- म्यूज़िक अल्बम नहीं बनेगी
- म्यूज़िक इंडस्ट्री बंद हो जाएगा
- फैशन पर पाबंदी होगी
- मर्दों को ढाढ़ी रखने पर ज़ोर दिया जाएगा
- लोगों पर मोरल पुलिस का पहरा होगा
- फतवा प्रशासिक स्तर से लागू करवाया जाएगा
- शराब पूरी तरह से बैन होगा
शरिया कानून के तहत होगा फैसला
- शरिया में अपराधों को दो कैटेगरी में बांटा गया है
- एक कैटेगरी को ‘हद’ और दूसरी को ‘तजीर’ कहते हैं
- हद कैटेगरी में गंभीर श्रेणी के अपराध आते हैं
- तजीर में हल्के श्रेणी के अपराध आते हैं
- चोरी, रेप, मर्डर, शादी के बाद अवैध संबंध, समलैंगिक संबंध ,हद कैटेगी के क्राइम है
- इन क्राइम में सख़्त सज़ा दी जाती है
- चोरी में हाथ काटने की सज़ा तय है
- रेप और शादी के बाद अवैध संबंध में संगसार करने की सज़ा
- ताजिर यानी हलके अपराध में सज़ा का फैसला क़ाज़ी के विवेक पर छोड़ दिया जाता है
काबुल एयरपोर्ट पर होगा तालिबान का क़ब्ज़ा
- तालिबान काबुल एयरपोर्ट पर क़ाबिज़ हो जाएगा
- जहाज़ की परवाज़ का रिमोट कंट्रोल तालिबान के हाथ होगी
- एयरपोर्ट की पूरी सुरक्षा में टर्की तालिबान की मदद करेगा
- काबुल एयरपोर्ट पर हुई बॉम्बिंग की वजह से एयरपोर्ट की सुरक्षा ज़रूरी हो गयी है
- नाटो फ़ौज का हिस्सा होने की वजह से टर्की 6 सालों से एयरपोर्ट की सुरक्षा का ज़िम्मा संभाल रहा है
टर्की करेगा एयरपोर्ट की मरम्मत
- एयरपोर्ट का रनवे ,टावर और टर्मिनल डैमेज हो चुका है
- सिविलियन फ्लाइट की उड़ान के लिए मरम्मत करना ज़रूरी है
- एयरपोर्ट की हालत अभी सिविलियन फ्लाइट के लिए उपयुक्त नहीं है
- टर्की एयरपोर्ट की मरम्मत में तालिबान की मदद करेगा
- टर्की एयरपोर्ट की टेक्नीकल सपोर्ट में तालिबान की मदद करेगा
तालिबान का दुनिया को भरोसा
- अमेरिका समेत दुनिया के 97 देशों के साथ तालिबान का क़रार
- करार के तहत तालिबान 31 अगस्त के बाद भी अफगान लोगों को निकालने की अनुमति देगा
- अमेरिका समेत 97 देश अफगानों को यात्रा दस्तावेज जारी करना जारी रखेंगे
- जिन अफगानियों को परमिट जारी होगा, तालिबान उन्हें नहीं रोकेगा
काबुल एयरपोर्ट क्यों ज़रूरी है दुनिया के लिए
- अफगानिस्तान से जुड़ने के लिए काबुल एयरपोर्ट दुनिया के लिए बेहद ज़रूरी है
- अफगान लोगों को इस वक़्त मदद की ज़रूरत है, एयरपोर्ट के ज़रिये ही मदद पहुंच सकती है
- अमेरिका के जाने के बाद भी काबुल एयरपोर्ट से लोगों का एयरलिफ्ट जारी रहना है
- टर्की, पाकिस्तान, ईरान, तुर्कमेनिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, ताजीकिस्तान को काबुल एयरपोर्ट कनेक्ट करता है
Source : Sajid Ashraf