रूस ने शुक्रवार को कहा कि उसने भारत से कई मौकों पर हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अमेरिका समर्थित चतुर्भुज गठबंधन को लेकर अपनी आशंकाएं साझा की हैं और उसका मानना है कि प्रतिस्पर्धी संरचनाओं की शुरुआत से क्षेत्र के देशों में टकराव पैदा होगा. रूसी राजनयिक निकोलई कुदाशेव ने कहा कि मॉस्को अमेरिका की हिंद-प्रशांत रणनीति को लेकर आशंकित था क्योंकि इसमें रूस और चीन के अस्तित्व को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया.
दो दिन पहले रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अमेरिका की अगुवाई वाले हिंद-प्रशांत पहल की कड़ी आलोचना करते हुए कहा था कि यह एक विभाजनकारी पहल है. इसके बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कुदाशेव ने यह टिप्पणी की. उन्होंने कहा,"मैं स्पष्ट रूप से कहूंगा कि हमने भारत को समय-समय पर चतुर्भुज गठबंधन को लेकर अमेरिकी रणनीति के बारे में अपनी चिंताओं के बारे में बताया है. जहां तक मैं समझता हूं, हमारी चिंताओं को ध्यान में रखा गया और इन मुद्दों पर हमारी बातचीत (भारत के साथ) जारी है.”
उन्होंने आगे कहा कि भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने नवंबर 2017 में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मिलकर काम करने के लिए लंबे समय से लंबित चतुर्भुज गठबंधन को आकार दिया था। इस कदम को क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के प्रयास के रूप में देखा गया.
Source : Bhasha