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चीन का एक और झूठ पकड़ा गया, अमेरिकी वैज्ञानिकों ने किया बड़ा खुलासा

कोरोना के चलते दुनियाभर में लाखों लोग मारे जा चुके हैं. इस बीच कोरोना को लेकर ही चीन का एक और झूठ उजागर हुआ है

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Aditi Sharma
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कोरोना वायरस( Photo Credit : फाइल फोटो)

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कोरोना के चलते दुनियाभर में लाखों लोग मारे जा चुके हैं. इस बीच कोरोना को लेकर ही चीन का एक और झूठ उजागर हुआ है. बताया जा रहा है कि 24 मार्च तक वुहान में 36 हजार लोगों की मौत हो गई थी जबकि चीन की तरफ से बताया गया था कि उस समय तक केवल 700 लोगों की मौत हुई.

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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वाशिंगटन यूनिवर्सिटी और ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इस बात का दावा किया है और कहा अपनी शोध में कहा है कि 24 मार्च तक चीन में 36 हजार लोगों की मौत हो गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 86 शमशानों की रिसर्च करने के बाद पता चला कि संक्रमण के दौरान 23 मार्च तक शमशान लगातार 24 घंटे काम करते रहे. रिसर्च के मुताबिक शमशान में 4634 लोगों का अंतिम स्संकार किया गया जबकि चीन का आंकड़ा तब सिर्फ 2524 था.

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इस बात को साबित करने के लिए एक वैज्ञानिक ने बताया कि मार्च अंत तक एक दाहसंस्कार स्थन ने पांच हजार अस्थि कलश खरीदे थे जो 2534 मौंतो के आंकड़े से दोगुना था.

बता दें, इससे पहले चीन ने खुद को निर्दोष बताया और कहा कि विषाणु संक्रमण का पहला मामला वुहान में 27 दिसंबर को सामने आया था, जबकि विषाणुजनित निमोनिया और मानव से मानव में संक्रमण फैलने के बारे में 19 जनवरी को पता चला जिसके बाद इस पर अंकुश लगाने के लिए इसने त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी. चीन सरकार द्वारा जारी एक श्वेतपत्र में वुहान (Wuhan) में पिछले साल कोरोना वायरस के मामले आने पर जानकारी छिपाने तथा इस बारे में देर से खबर देने के आरोपों को खारिज करते हुए एक लंबी व्याख्या दी गई है. श्वेतपत्र में बीजिंग ने कहा है कि जब कोरोना वायरस के मानव से मानव में फैलने का पता चला तो इसकी रोकथाम के लिए त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी गई.

दुनिया की निगाहों में चीन ही दोषी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तथा कई अन्य देशों के नेता चीन पर आरोप लगाते रहे हैं कि उसने घातक बीमारी के बारे में पारदर्शिता के साथ जानकारी नहीं दी जिससे विश्वभर में व्यापक जनहानि और आर्थिक संकट उत्पन्न हो रहा है. जॉन हॉप्किंस कोरोना वायरस रिसोर्स सेंटर के अनुसार, इस घातक विषाणु से विश्व में 68 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और लगभग चार लाख लोगों की मौत हुई है. अमेरिका में इस विषाणु ने सर्वाधिक कहर बरपाया है जहां संक्रमण के 19 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं और एक लाख नौ हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है. वहीं, चीन में इस विषाणु संक्रमण के मामलों की आधिकारिक संख्या 84,177 है.

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