पूरी दुनिया में इस वक्त कोरोना का खौफ है. एक तरफ जहां भारत में रोजाना आ रहे कोरोना के मामलों ने अमेरिका और ब्राजील जैसे देशों को पीछे छोड़ दिया है तो वहीं दूसरी तरफ दुनियाभर की नजरें इस वक्त कोरोना की वैक्सीन पर टिकीं हई हैं. हालांकि कोरोना की वैक्सीन को लेकर WHO ने एक बात कर दी है कि कोरोना की दवा खाते ही सब ठीक होने की उम्मीद करना गलत होगा. उन्होंने कहा, कोरोना की वैक्सीन कोई जादुई गोली नहीं होगी जिसे खाते ही तुरंत ठीक हो गए. WHO के महानिदेशत टेड्रोस एडहोम ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि कोरोना के खिलाफ हमें लंबी लड़ाई लड़नी है. इसके लिए हमें तैयार रहना होगा.
बता दें, कोरोना वायरस (Corona virus) की दवा खोजने में पूरी दुनिया लगी हुई है, मगर अभी तक कोरोना की वैक्सीन कोई भी देश नहीं बना पाया है. हालांकि इस कवायद में जुटे वैज्ञानिकों को पहले से मौजूदा एक दवा में कोरोना से मुकाबले की संभावना दिखाई पड़ी है. वैज्ञानिकों का दावा है कि शराब की लत छुड़ाने के काम में आने वाली दवाएं कोविड 19 संक्रमण के खिलाफ कारगर हो सकती हैं. शराब की लत छुड़ाने वाली दवा डाइसलफिराम के उपयोग से सार्स- कोव-2 से निजात पाने में मदद मिल सकती है.
यह जानकारी एक नये अनुसंधान में सामने आई है. रूस में नेशनल रिसर्च यूनिवर्सिटी हायर स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (एचएसई) के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि संभावित इलाज के लिए कोरोना वायरस के संरचनामत्मक तत्वों को चुना जाना चाहिए जिनमें विकास के दौरान परिवर्तन की संभावना कम हो. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करने पर एक प्रकार (स्ट्रेन) के खिलाफ जो दवा प्रभावी होगी वह दूसरे के खिलाफ प्रभावी नहीं रह जाएगी.
Source : News Nation Bureau