पाकिस्तान के सिंध प्रांत में घातक कोरोना वायरस के पहले संदिग्ध मामले का पता चला है. चीन में इंजीनियरिंग छात्र की वतन वापसी के बाद अधिकारियों ने उसे पृथक वार्ड में भर्ती कर दिया है. शाहज़ेब अली रहुजा के भाई इरशाद ने बताया कि रहुजा कोरोना वायरस के केंद्र चीन के वुहान से करीब एक हजार किलोमीटर दूर स्थित विश्वविद्यालय में पेट्रोलियम इंजीनियरिंग का छात्र है. वह चीन से कतर होते हुए पाकिस्तान लौटा है. उसने कहा, “ वह हमारे आग्रह पर शनिवार रात कराची लौटा. सीधी उड़ान नहीं मिलने की वजह से वह कतर होते हुए आया. चीन में हवाई अड्डे पर और कराची में भी उसकी जांच की गई थी, लेकिन उसमें कोई लक्षण नहीं दिखा.
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घर लौटने के बाद उसे खांसी और बुखार हुआ जिसके लिए कुछ दवाएं लीं लेकिन जब उसकी नाक से खून आने लगा तो हम उसे अस्पताल ले गए.” रहुजा के भाई ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किया है जिसमें वह कह रहा है कि डॉक्टरों ने उसे वार्ड में बंद कर दिया है और उसका इलाज करने से मना कर दिया है. अली ने कहा कि वीडियो वायरल होने के बाद स्वास्थ्य अधिकारी रहुजा को खैरपुर के सिविल अस्पताल ले गए और वहां उसे जांच और इलाज के लिए कराची भेजने का फैसला किया, क्योंकि खैरपुर में डॉक्टरों ने कहा कि उनके पास जरूरी सुविधाएं नहीं हैं. प्रांतीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने उसे खैरपुर के सिविल अस्पताल में पृथक वार्ड में रखा है.
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उसने दावा किया कि उन्हें शक है कि रहुजा कोरोना वायरस की चपेट में आ गया है. सिंध की स्वास्थ्य मंत्री अफरा फज़ल पेचुओ ने पत्रकारों से कहा कि रहुजा में कोरोना वायरस के कोई लक्षण नहीं दिखे हैं. इस बीच पाकिस्तान ने चीन में रह रहे अपने नागरिकों से बीजिंग में देश के दूतावास में पंजीकरण कराने की गुज़ारिश की है. वहीं दोनों देशों के बीच उड़ानों का परिचालन शुरू हो गया है. चीन में कोरोना वायरस के कारण 425 लोगों की जान चली गई है. पाकिस्तान ने सोमवार को दो चीनी उड़ानों को इस्लामाबाद में उतरने की इजाज़त दे दी थी. इससे एक दिन पहले पाकिस्तान को घातक वायरस के मामलों का पता लगाने के लिए बीजिंग से विशेष मेडिकल किट मिली थी. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने पहले बताया था कि चीन में पाकिस्तान के करीब 30,000 छात्र हैं, जिनमें 500 छात्र वुहान में है. इसके अलावा कई कारोबारी शख्स चीन में हैं.