दुनिया के कई हिस्सों में अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए लॉकडाउन (Lockdown) में छूट दिये जाने के साथ कोविड-19 संक्रमण से उबर चुके मरीज इस विश्वव्यापी महामारी के संक्रमण की दर को घटाने में मदद कर सकते हैं. एक अध्ययन में यह कहा गया है. वैज्ञानिकों ने कहा कि कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण से उबर चुके लोगों की बढ़ी हुई प्रतिरक्षा क्षमता कुछ अधिक जोखिम वाले पेशों में संक्रमण की चपेट में आ सकने वाले लोगों की जगह उन्हें सुरक्षित रूप से स्थानापन्न करने में उपयोगी साबित हो सकती है.
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शोध दल में अमेरिका स्थित जॉर्जिया प्रौद्योगिकी संस्थान के शोधार्थी भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि यह ‘प्रतिरक्षा कवच’ कम अवधि में फिर से होने वाले संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करेगा. नेचर मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक जब संक्रमण से उबर चुके लोगों का संक्रमित और संक्रमण के संदिग्ध लोगों से संपर्क कराया जाएगा तो संपूर्ण संक्रमण दर में संभवत: कमी आ सकती है.
वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया है कि प्रतिरक्षा कवच के आधार वाली यह रणनीति विस्तारित आर्थिक गतिविधि में लोगों के बीच अधिक संपर्क होने की इजाजत दे सकती है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या आधिकारिक आंकड़ों की तुलना में कहीं अधिक होने की संभावना है. इस रणनीति के बारे में वैज्ञानिकों ने कहा कि सार्स-सीओवी-2 द्वारा पुनर्संक्रमण के प्रति प्रतिरक्षा की अवधि अभी अज्ञात है.
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हालांकि, पहले के अध्ययनों के आधार पर सार्स जैसे संबद्ध विषाणु संक्रमण से उबर चुके लोगों में करीब दो साल तक एंटीबॉडी मौजूद रही है और एमईआरएस संक्रमण से उबर चुके लोगों में करीब तीन साल तक प्रतिरक्षा रही. अध्ययन दल में शामिल संस्थान के जोशुआ वेत्ज ने कहा कि इससे इस बारे में सोचा जा सकता है कि संक्रमण से उबर चुका व्यक्ति किस तरह लोगों के सामूहिक हित में मदद कर सकता है.