CoronaVirus (Covid-19): अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में एक जाने-माने पत्रकार को पुलिस की तार्किकता पर कथित तौर पर सवाल उठाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने ट्वीट में आरोप लगाया था कि पुलिस ने उन परिवारों को भी घर में पृथक कर दिया है, जिन्होंने कोरोना वायरस (Corona Virus) से संक्रमित अपने परिवार के सदस्य से फोन पर बातचीत की थी. जुबैर अहमद पर ‘अफवाह’ फैलाने समेत अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया गया है. अहमद ’लाइट ऑफ अंडमान’ के संपादक है. यह एक साप्ताहिक समाचार पत्र है जो अब ऑनलाइन प्रकाशित होता है.
और पढ़ें: Coronavirus (Covid-19) के कहर के बीच दीवार बन गई है यह चीज, लाशों के ढेर लग जाते अगर यह न होता तो
पुलिस ने मंगलवार को बताया कि उन्हें दक्षिणी अंडमान जिले के बैंबूफ्लैट पुलिस थाने में 27 अप्रैल को ट्वीट के सबंध में पूछताछ के लिए बुलाया गया और बाद में गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने बताया कि इसके बाद उन्हें अबेरदीन पुलिस थाने में ले जाया गया जहां उन्हें रात में हवालात में रखा गया.
उन्होंने स्थानीय प्रशासन को टैग करते हुए सोमवार को ट्वीट किया था, 'क्या कोई मुझे यह स्पष्ट कर सकता है कि कोविड-19 के मरीजों से फोन पर बात करने पर परिवारों को घर में क्यों पृथक-वास में भेजा गया.'
वहीं, एक अन्य ट्वीट में इससे पहले उन्होंने कहा था, 'कोविड-19 की वजह से पृथक किए गए लोगों से अपील है कि वह अपने परिचित से फोन पर बात न करें. फोन कॉल के आधार पर लोगों की पहचान की जा रही है और उन्हें पृथक किया जा रहा है.' मंगलवार को अहमद को अदालत में पेश किया गया, जहां दोपहर में उन्हें जमानत मिल गई.