कोरोना वायरस (Coronavirus) का पूरा सच क्या है इसका पता अभी तक नहीं लग पाया है. इस वायरस न पूरी दुनिया में तबाही मचा कर रख दी है, बावजूद इसके कोई भी देश यह नहीं पा कर पाया है कि यह वायरस प्राकृतिक रूप से आया है या फिर यह मानवजनित साजिश है. इसका आना चमगादड़ की वजह से हुआ है ये लोगों को पता है. चीन के वुहान शहर में फैले कोरोना वायरस का स्रोत चमगादड़ों का माना जा रहा है. वहां पर इसकी बिक्री पर रोक लगा दी गई है. लेकिन दुनिया में एक ऐसा मुल्क है जहां पर धड़ल्ले से चमगादड़ बिक रहे हैं.
वहां के लोगों में इसे खाने को लेकर जरा भी डर नहीं है. तभी तो दुकानों में चमगादड़ 'सोल्ड आउट' के बोर्ड लगे हुए हैं. वो देश है इंडोनेशिया. टोमोहोन एक्सट्रीम मार्केट में कोरोना महामारी के बीच भी जिंदा जानवरों की खरीद फरोख्त जारी है. इस मार्केट में नमी बहुत है जिसकी वजह से कभी भी यहां महामारी हो सकता है. बावजूद लोग मान नहीं रहे हैं.
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वैज्ञानिकों का कहना है कि चीन के वुहान में इसी तरह का वातावरण उस मार्केट में था जहां से कोरोना वायरस निकला और पूरी दुनिया में त्राहिमाम मचा रखा है.
जानवरों के लिए काम करने वाली संस्था पेटा अप्रैल महीने में टोमोहोन मार्केट का दौरा किया था. वो थाईलैंड के बैंकाक के बाजार में भी गए. उन्होंने वहां देखा कि दुकानों के काउंटर पर सांप, चमगादड़, कुत्ते, मेंढक और सूअर के मांस खुलेआम काटकर बेचे जा रहे हैं. फर्श सून से सनी हुई थी.
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टोमोहोन मार्केट में चमगादड़ बेचने वाले एक दुकानदार ने कहा कि कोरोना महामारी का मेरे बिजनस पर कोई असर नहीं पड़ा है. मेरी दुकान पर अक्सर सारे चमगादड़ बिक जाते हैं. उसने बताया कि हर रोज 50 से 60 चमगादड़ बिक जाते हैं. अगर कोई फेस्टिवल आता है तो इसकी संख्या 600 से ज्यादा पहुंच जाती है.
सोचिए जिस कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को तबाह कर रखा है और चमगादड़ से निकला हुआ माना जा रहा है वहां अभी भी लोग इसे खाना जारी रखे हुए हैं. भारत में तो लोग नॉन वेज छोड़कर वेज खाना शुरू कर दिए हैं. पेटा संस्था का कहना है कि इंडोनेशिया समेत उन बाजारों को बंद कर देना चाहिए जहां जानवरों को मारकर खाया जाता हो. संस्था का कहना है कि अगर इसी तरह से खून से सनी मीट मार्केट में बीमार पशुओं को बेचा जाता रहा तो फिर ऐसी ही महामारी सामने आ सकती है.
Source : News Nation Bureau