कोरोना वायरस (Coronavirus) ने पूरी दुनिया में तबाही मचा कर रख दी है. चीन (China) से निकला यह 'किलर वायरस' एक-एक करके सभी को अपनी चपेटे में ले रहा है. अमेरिका समेत कई देश कोरोना वायरस को लेकर चीन को दोषी बता रहे हैं. उनका मानना है कि कोरोना वायरस को चीन में पैदा किया गया. चीन के वायरोलॉजी इंस्टिट्यूट पर सबकी नजर है. अमेरिका का कहना है कि यह किलर वायरस इसी लैब से निकला है.
एनबीसी न्यूज ने एक रिपोर्ट दिखाई है जिसमें दावा किया गया है कि चीन के वुहान में मौजूद यह लैब अक्टूबर में बंद कर दिया गया था. उसकी रिपोर्ट में यह बात सामने आई है वायरोलॉजी इंस्टि्ट्यूट परिसर में 7 से 24 अक्टूबर 2019 के बीच फोन की कोई एक्टिविटी नहीं देखी गई.
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सेलफोन लोकेशन के डेटा के आधार पर यह दस्तावेज तैयार की गई है
इस रिपोर्ट को सेलफोन लोकेशन के डेटा के आधार पर तैयार की गई है. अमेरिकी खुफिया एजेंसी इससे संबंधित दस्तावेंजों को खंगाल रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह संकेत मिले हैं कि 6 से 11 अक्टूबर के बीच इस इलाके में कोई खतरनाक घटना पेश आई थी. जिसकी वजह से ऐसे कदम उठा गए हैं. हालांकि लैब के पूरी तरह बंद होने के अभी कोई सबूत नहीं मिले हैं.
डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि कोरोना वायरस चीन ने बनाया
हालांकि व्हाइट हाउस कई बार कह चुका है कि कोरोना वायरस वुहान के लैब से ही बाहर आया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो यहां तक कहा है कि उनके पास सबूत है कि इस वायरस को चीन ने बनाया है.
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लैब में दुर्घटना घटी जिसके बाद लैब बंद हुआ
माना जा रहा है कि वुहान के लैब में जहां चमगादड़ों पर रिसर्च किया जा रहा था उस लैब में अक्टूबर में कोई दुर्घटना घटी हो. जिसके बाद उसे बंद कर दिया गया. दस्तावेजों में कहा गया है कि कोरोना वायरस दिसंबर में नहीं बल्कि उससे पहले फैला था. लेकिन चीन इसे छुपा रहा है.
हर शख्स जानना चाहता है कोरोना का सच
कोरोना वायरस को लेकर आए दिन कोई ना कोई नया खुलासा सामने आ रहा है. लेकिन पूरा सच क्या है अभी तक किसी को भी पता नहीं चल पाया है. हर इंसान इस खतरनाक वायरस का सच जानना चाहते हैं. लेकिन वो सच सबकी पहुंच से काफी दूर है.
Source : News Nation Bureau