रूस की राजधानी मॉस्को में शुक्रवार रात हुए आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है. रूस के इतिहास में यह दूसरी बड़ी घटना है. आपको बता दें कि ठीक 20 साल पहले 2004 में रूस के बेसलान स्कूल में भी ऐसा ही हमला हुआ था. मॉस्को एरिया के गवर्नर एंड्री वोरोब्योव ने मौके पर पहुंचकर जायजा लिया. जब वह क्रोकस कॉन्सर्ट हॉल में पहुंचे तो वहां का वीभत्स दृश्य दिल दहला देने वाला था. एक दिन पहले जो हॉल अपनी चमकती सुंदरता और भव्य रूप के लिए जाना जाता था, वह अब राख का ढेर बना चुका है.
क्या इसमें यूक्रेन का हाथ था?
रूसी मीडिया के मुताबिक, हमलावरों की तस्वीरें जारी की गईं और दावा किया गया कि ये लोग रूसी नहीं थे क्योंकि वे विदेशी भाषा बोल रहे थे. घटना के अगले दिन रूसी पुलिस ने दावा किया कि चार हमलावरों समेत 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने बताया कि हमलावरों को यूक्रेन और बेलारूस की सीमा पर पकड़ा गया और वे यूक्रेन सीमा की ओर भागने की कोशिश कर रहे थे. रूस की संघीय सुरक्षा सेवा या एफएसबी के अनुसार, हमलावरों के तार यूक्रेन से जुड़े थे. हालांकि इस हमले को लेकर यूक्रेन ने कहा है कि उसका इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है.
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हमले के जिम्मेदारी स्टेट खुरासन ने ली है
रूस ने दावा किया है कि पकड़े गए चार में से दो हमलावरों ने पूछताछ में कबूल किया है कि इस घटना को अंजाम देने के लिए उन्हें दस लाख रुबल यानी 10,886 डॉलर मिला था. उन्हें हमले की जानकारी टेलीग्राम के जरिए मिली थी. पुलिस ने ये भी बताया कि तलाशी के दौरान उनके कार से ताजिकसिस्तान का पासपोर्ट मिला है. वहीं, इस घटना की जिम्मेदारी स्टेट खुरासन ने ली है. इस्लामिक स्टेट खुरासन एक आतंकी संगठन है, जो ईरान, तुर्कमेनिस्तान और अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों में फैले हुए हैं. ये आतंकी संगठन पुतिन की नीति का विरोध करता रहता है. हमले के बाद रूस का बयान सामने आया है कि आतंकियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा.
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Source : News Nation Bureau