हिंदू धर्म की धूम और पूछ विश्व भर में बढ़ रही है. अब इंडोनेशिया के पूर्व राष्ट्रपति सुकर्णो की बेटी सुकमावती सुकर्णोपुत्री ने इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपनाने का फैसला लिया है. 26 अक्टूबर को वह धर्मांतरण की पूजा में शामिल होंगी और इसके बाद ही हिंदू धर्म अपना लेंगी. सीएनएन इंडोनेशिया की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. मंगलवार को सुकर्णो हेरिटेज एरिया में यह कार्यक्रम होगा. सुकमावती पूर्व राष्ट्रपति सुकर्णो की तीसरी बेटी हैं और पूर्व राष्ट्रपति मेगावती सुकर्णोपुत्री की छोटी बहन हैं. 70 वर्षीय सुकमावती सुकर्णोपुत्री इंडोनेशिया में ही रह रही हैं. 2018 में कट्टरपंथी इस्लामिक समूहों ने उनके खिलाफ ईशनिंदा की शिकायत दर्ज कराई थी.
कविता शेयर करने पर भड़क गए थे कट्टरपंथी
प्राप्त जानकारी के मुताबिक सुकमावती ने बीते दिनों एक कविता शेयर की थी, जिसे लेकर कट्टरपंथी भड़क गए थे. उन्होंने सुकमावती को कठघरे में खड़ा करते हुए इस्लाम के अपमान का आरोप लगाया था. इस घटना के बाद सुकमावती ने अपनी कविता के लिए माफी की मांग भी की थी. हालांकि इसके बाद भी विवाद समाप्त होता नहीं दिखा था और अकसर उनकी आलोचना की जाती रही है. गौरतलब है कि इंडोनेशिया में इस्लाम मानने वालों की संख्या सबसे अधिक है. यही नहीं इंडोनेशिया दुनिया की सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश भी है. इसके बावजूद सुकमावती के पिता सुकर्णो के दौर में भारत और इंडोनेशिया के संबंध काफी अच्छे थे.
सुकमावती ने हिंदू धर्मशास्त्र को अच्छी तरह से पढ़ा है
सुकमावती के वकील विटारियोनो रेजसोप्रोजो ने बताया कि इसका कारण उनकी दादी का धर्म है. उन्होंने यह भी कहा कि सुकमावती ने इसे लेकर काफी स्टडी की है और हिंदू धर्मशास्त्र को अच्छी तरह से पढ़ा है. बाली की यात्राओं के दौरान सुकमावती अक्सर हिंदू धार्मिक समारोहों में शामिल होती थीं और हिंदू धार्मिक हस्तियों के साथ बातचीत करती थीं. 26 अक्टूबर को बाली अगुंग सिंगराजा में 'शुद्धि वदानी' नाम का कार्यक्रम होगा जहां वे हिंदू धर्म अपनाएंगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनके परिजन भी मान गए हैं. वह बीते कई वर्षों से हिंदू धर्म में शामिल होना चाहती थी.
HIGHLIGHTS
- इंडोनेशिया दुनिया की सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश
- पूर्व राष्ट्रपति सुकर्णो की बेटी सुकमावती अपना रहीं हिंदू धर्म
- 26 अक्टूबर को 'शुद्धि वदानी' कार्यक्रम में छोड़ देंगी इस्लाम