श्रीलंका में सरकार के स्तर पर भीतरखाने में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. पहले तो देश की बागडोर संभालने वाले सत्ता के शीर्ष लोगों में ही तालमेल का अभाव दिखा. अब खबरें आ रही हैं कि आत्मघाती हमलों की आशंका से जुड़े अलर्ट को भी जान-बूझ कर दबाए रखा गया. इस बाबत अंदेशा तो प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को भी हो गया है, तभी उन्होंने खुफिया संस्था के शीर्ष क्रम में फेरबदल के संकेत दिए हैं. हालांकि एक मंत्री ने साफतौर पर आरोप लगाया है कि श्रीलंका खुफिया के वरिष्ठ अधिकारियों ने जान-बूझ कर अलर्ट को दबाए रखा.
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श्रीलंका में सदन के नेता औऱ मंत्री लक्ष्मण किरिएला ने बुधवार को कहा, 'खुफिया ईकाई से जुड़े कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने जान-बूझ कर अलर्ट से जुड़ी सूचना को दबाया. आतंकी हमलों की सूचना थी, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों ने उस पर जरूरी कदम नहीं उठाए.' श्रीलंका के नेता सदन और मंत्री के आरोप इसलिए भी गंभीर हो जाते हैं, क्योंकि उन्होंने यह बयान सदन में दिया है.
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सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार मंत्री लक्ष्मण किरिएला ने भारत से आतंकी हमलों के बाबत अलर्ट जारी होने की बात कुबूल की है. उनके मुताबिक भारत की ओर से सबसे पहले 4 अप्रैल को इसकी सूचना मिल गई थी. इसके बाद राष्ट्रपति मैथ्रिपाला सिरिसेना ने 7 अप्रैल को सुरक्षा समिति की बैठक भी बुलाई. इसके बावजूद अलर्ट पर समुचित गंभीरता के साथ ध्यान नहीं दिया गया. उनका आरोप है सुरक्षा समिति में राजनीति हो रही है और उसे कहीं ओर से नियंत्रित किया जा रहा है.
Source : News Nation Bureau