कोरोना पर लगभघ काबू पाने वाले चीन में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं. जांच में सभी मामले डेल्टा वेरिएंट के सामने आए हैं. चीन ने कोरोना के बढ़ते मामलों को अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा माना है. एटरपोर्ट से लेकर अन्य स्थानों पर टेस्टिंग को लेकर हुई लापरवाही को देखते हुए चीनी सरकार जिम्मेदार अधिकारियों को कड़ी सजा दे रही है. देशभर में बड़ी संख्या में अधिकारियों को इसके लिए चिन्हित किया गया है. गौरतलब है कि 2019 के आखिर में वुहान में कोरोना के मामले सामने आने के बाद यह पहली बार है जब चीन में इतनी बड़ी संख्या में केसेज मिले हैं.
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पूर्वी चीनी शहर यांगझोऊ ने बड़े पैमाने पर कोरोना परीक्षण को गलत तरीके से करने के लिए पांच अधिकारियों को चेतावनी जारी की और कहा कि उन्होंने वायरस को फैलने दिया. चीन के इस सबसे बड़ा हॉटस्पॉट में सोमवार तक रिपोर्ट किए गए 308 मामलों की पुष्टि हुई है, जबकि छह मरीज गंभीर रूप से बीमार हैं और यदि किसी की मृत्यु होती है तो छह महीने से अधिक समय में यह चीन में कोरोना से होने वाली पहली मौत होगी. हालांकि चीन की विशाल आबादी के अधिकांश हिस्से को टीका लगाया गया है, फिर भी अधिकारी टीकाकरण पर भरोसा नहीं करने के बजाय वायरस को बाहर निकालने के लिए बड़े पैमाने पर परीक्षण और लॉकडाउन की नीति को लागू करने की तैयारी में हैं. वुहान समेत चीन के कई शहरों में कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखने को मिली है.
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सरकार के निशाने पर 30 से अधिक अधिकारी
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक चीनी सरकार के निशाने पर देशभर के 30 से अधिक अधिकारी हैं. इनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. इसमें मेयर से लेकर स्थानीय हेल्थ डायरेक्टर्स और हॉस्पिटलों व हवाई अड्डों के प्रमुख शामिल हैं. चीनी सरकार का मानना है कि बाहर से आने वाले यात्रियों की जांच में लापरवाही बरती गई है. इसकी वजह से इतने बड़े पैमाने पर संक्रमण फैला है. ताजा हालात के मुताबिक यह 31 प्रांतों तक पहुंच चुका है. इसलिए पिछले एक हफ्ते में यहां पर 11.3 मिलियन लोगों का कोविड टेस्ट किया गया है. नए मामले देश के अलग-अलग हिस्सों में मिल रहे हैं और इनमें वो प्रांत भी शामिल हैं जहां से चीन की व्यापारिक गतिविधियां चलती हैं. अगर कोरोना के मामले बढ़े तो लॉकडाउन के चलते यहां उत्पादन ठप हो सकता है.