Maldives: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पर विपक्ष लगातार हमलावर हो रहा है. पहले चीन से नजदीकियां फिर भारत के खिलाफ कैंपेन चलाने और भारत विरोधी बयानबाजी की वजह से निशाने पर हैं. ऐसे में उन से जुड़ी एक रिपोर्ट सामने आ रही है. विपक्ष आरोप लगा रहा है कि उन्होंने भ्रष्टाचार किया है. इस मामले पर विपक्ष अब और निशाना साध रहा है. विपक्ष राष्ट्रपति मोइज्जू के खिलाफ जांच कराने और महाभियोग चलाने की डिमांड कर रहा है. वहीं राष्ट्रपति मोइज्जू अपने ऊपर लगने वाले सभी आरोपों को नकारते हुए नजर आ रहे हैं.
माललदीव की संसद यानी मजलिस में रविवार को इलेक्शन होने वाले हैं. इस मामले की वजह से मालदीव की मुख्य विपक्षी पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी और सत्ता पक्ष की नेशनल पीपल्स कांग्रेस के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. इसकी वजह से मालदीव की राजनीति गर्म हो गई है. मीडिया की माने तो इस सियासी माहौल की शुरुआत एक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद शुरू हुई. दरअसल सोमवार को हसन कुरुसी नाम के एक्स यूजर ने पोस्ट शेयर किया.
2018 की रिपोर्ट
इस पोस्ट में फाइनेंसियल इंटेलिजेंस यूनिट के द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट शेयर की. इस रिपोर्ट में मालदीव के राष्ट्रपति मोइज्जू पर करप्शन के चार्ज लगाए गए हैं. मालदीव की मीडिया के मुताबिक ये रिपोर्ट साल 2018 का बताया जा रहा है. कहा जा रहा है कि इस दौरान राष्ट्रपति मोइिज्जू ने अपने निजी खाते से पैसे ट्रांसफर किए. इसके साथ ही ट्रांजेक्शन को छुपाने के लिए राजनीतिक पहुंच का उपयोग किया. इसके साथ ही कॉर्पोरेट एजेंसियों से फंड लेकर जानकारी छिपाई.
कोई सबूत नहीं
मामले सामने आने के बाद मालदीव में बवाल हो गया. विपक्षियों ने मामले की अच्छे तरीके से जांच करने की मांग कर दी. इसके साथ ही पूर्व राष्ट्रपति ने माइज्जू के खिलाफ महाभियोग चलाने की मांग कर ली. बवाल बढ़ता देख राष्ट्रपति मोईज्जू की प्रतिक्रिया सामने आई. उन्होने बयान देते हुए कहा कि विपक्ष उन्हें फंसाने की कोशिश कर रहा है. लेकिन उनके पास इस मामले में कोई सबूत नहीं है. विपक्ष हताश होकर गलत रिपोर्ट की बात कर रहा है. पहले भी ये आरोप लगाए जा चुके हैं लेकिन जनता के द्वारा इसका जवाब दिया गया है.
Source : News Nation Bureau