पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव को नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी (Qasim khan suri) ने रद्द कर दिया है. उन्होंने इसे पाकिस्तान के संविधान के आर्टिकल 5 का हवाला देते हुए खारिज कर दिया. सूरी ने अंतरराष्ट्रीय साजिश करार देते हुए अविश्वास प्रस्ताव को रद्द कर दिया. इस फैसले के बाद से दुनियाभर में कासिम सूरी की चर्चा हो रही है. कासिम खान सूरी 15 अगस्त 2018 को इस्लामिक गणराज्य पाकिस्तान की 15वीं नेशनल असेंबली के उपसभापति चुने गए थे. कासिम खान सूरी पाकिस्तान तहरीक -ए- इंसाफ (PTI) के सदस्य हैं. सूरी बलूचिस्तान के क्वेटा से नेशनल असेंबली के सदस्य चुने गए हैं.
1996 में तहरीक-ए-इंसाफ की ली सदस्यता
पाकिस्तान के नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी इमरान खान के खास सहयोगियों में से एक है. उन्होंने पार्टी को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है.
सूरी ने बलूचिस्तान प्रांत में पाकिस्तान तहरीक इंसाफ पार्टी (PTI) की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. गौरतलब है कि कासिम खान सूरी 1996 से पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) से सक्रिय सदस्य के रूप में जुड़े हुए हैं. इसके बाद 2007 में पार्टी में उन्हें पहली बार पद दिया गया. कासिम खान सूरी पहली बार 2009 में और दूसरी बार 2013 में पीटीआई की तरफ से आंतरिक चुनाव में निर्वाचित हुए. वह प्रांतीय स्तर पर सबसे लंबे समय तक राष्ट्रपति पद पर रहने वाले व्यक्ति हैं. गौरतलब है कि लगातार दो बार पीटीआई बलूचिस्तान के राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं.
एक दिन में 21 बिल पारित कर रचा था इतिहास
ऐसा नहीं है कि कासिम खान सूरी पहली बार चर्चा में है. वह इससे पहले भी सुर्खियां बटोर चुके हैं. कासिम खान सूरी इससे पहले पिछले साल जून में एक ही दिन में 21 बिल पारित पास कर इतिहास रच दिया था. हालांकि, उनके इस काम की विपक्ष ने जमकर आलोचना की थी. इससे नाराज होकर विपक्षी पार्टियों ने एकजुट होते हुए कासिम सूरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. विपक्षी पार्टियों की मांग थी कि कासिम सूरी को तुरंत प्रभाव से उनके पद से हटाया जाए. दरअसल, विपक्ष का आरोप था कि सभी कानूनों को गलत तरीके से पास करवाया गया है.
बलूचिस्तान में सबसे बड़ी राजनीतिक सभा का भी बनाया इतिहास
कासिम खान सूरी पीटीआई बलूचिस्तान के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और महासचिव और उप आयोजक का पद भी संभाल चुके हैं. सूरी PTI की कोर कमेटी, केंद्रीय कार्यकारी परिषद और संविधान समिति के भी सदस्य रह चुके हैं. उन्होंने 20 अप्रैल 2012 को पीटीआई के मंच से बलूचिस्तान की राजनीतिक इतिहास में सबसे बड़ी सभा आयोजित की थी.
क्वेटा के पख्तून परिवार है ताल्लुक
कासिम खान सूरी क्वेटा एक प्रसिद्ध पख्तून जनजाति सूरी (खिलजी की उप-जनजाति) में संबंध रखते हैं. उनका जन्म जनवरी 1969 में हुआ था. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा क्वेटा इस्लामिया स्कूल से हासिल की थी. इसके बाद क्वेटा के ही तामीर-ए-नौ स्कूल मैट्रिक पास किया. इसके बाद न्होंने फेडरल गवर्नमेंट कॉलेज में दाखिला लिया. 1988 में उन्होंने अपना FSC पूरा किया. इसके बाद 1990 में उन्होंने बलूचिस्तान विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने 1992 में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में मास्टर डिग्री पूरी की. खास बात ये है कि वह बेहतरीन एथलीटों में से एक रहे हैं. वे तैराकी, लंबी पैदल यात्रा, क्रिकेट, फुटबॉल और शिकार आदि में रुचि रखते हैं.
HIGHLIGHTS
- विदेशी साजिश करार देकर खारिज किया अविश्वास प्रस्ताव
- इमरान खान नेशनल असेंबली में खो चुके थे बहुमत
- चुनाव तक कार्यकारी पीएम बने रहेंगे इमरान खान