पाकिस्तान ने भारत की आपत्ति के बावजूद अपने कब्जे वाले गिलगित बाल्टिस्तान इलाके में दियामिर-भाषा बांध के निर्माण के फैसले पर अड़े रहने का फैसला किया है. उसने भारत की आपत्ति को 'हास्यास्पद' करार दिया है. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के जल एवं ऊर्जा विकास प्राधिकरण के चेयरमैन लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) मुजम्मिल हुसैन ने एक प्रेस कांफ्रेंस में गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके में दियामिर-भाषा बांध के निर्माण पर भारत के कड़े एतराज को 'बेकार व हास्यास्पद' करार देते हुए कहा कि 'हम यह बांध अपने क्षेत्र में बना रहे हैं.'
उल्लेखनीय यह है कि इस प्रेस कांफ्रेंस में पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्री फैसल वावडा के साथ पाकिस्तान में चीन के राजदूत याओ जिंग भी मौजूद थे.पाकिस्तान इस बांध को बनाने का सपना लंबे समय से देख रहा है लेकिन अपनी निर्धनता के कारण वह इस पर काम आगे नहीं बढ़ा पा रहा था. चीन द्वारा इसमें धन निवेश करने के बाद अब उसके लिए रास्ता खुला है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने बीती 12 मई को बांध का काम शुरू करने को कहा.
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फैसल वावडा ने कहा कि बांध का निर्माण शुरू करने के लिए कांट्रैक्टर और मशीनें गिलगित-बाल्टिस्तान के चिलास शहर पहुंच चुके हैं. उन्होंने कहा कि इस परियोजना को 'देश की सेना और चीन की सरकार का' पूरा समर्थन हासिल है. उन्होंने कहा कि यह परियोजना देश के लिए 'गेम चेंजर' साबित होगी. साढ़े 16 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा और इसके बनने के बाद 4500 मेगावाट बिजली मिलेगी.
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गौरतलब है कि पाकिस्तान द्वारा 12 मई को इस बांध का निर्माण शुरू करने के ऐलान के बाद भारत ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी और साफ कहा था कि पाकिस्तान द्वारा अपने अवैध कब्जे वाले इलाकों में इस तरह का निर्माण पूरी तरह से अवैध है. भारत ने पाकिस्तान और उसके साथ चीन को भी याद दिलाया था कि उन्हें नहीं भूलना चाहिए कि गिलगित-बाल्टिस्तान समेत समूचा जम्मू-कश्मीर व लद्दाख भारतीय क्षेत्र है.