बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने देशवासियों से आग्रह की है कि देश को उस अंधेरे युग में जाने से रोके जब साल 1975 के बाद देश गवाह रहा था।
शेख हसीना ने इस बात के जरिये अप्रत्यक्ष तरीके से पाकिस्तान पर निशाना साधा है और अपने देश के लोगों को इससे बचने की सलाह दी है।
राजधानी ढाका में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शेख हसीना ने कहा, 'हमें खतरे में नहीं प्रवेश करना चाहिए। हम सभी को सक्रिय रहना चाहिए ताकि 1975 के बाद के अंधेरे युग में न जाने पाएं।'
सत्ताधारी बांग्लादेशी आवामी लीग ने हर साल 21 फरवरी को मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस के मौके पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया था।
हसीना ने कहा कि बांग्लादेश में अब भी कई ऐसे लोग हैं जो पाकिस्तान के साथ परंपरागत रूप से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा, 'हमें बांग्लादेश के लोगों को ऐसे तत्वों से बचाना होगा। यह मेरी लोगों से अपील है।'
विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की तरफ इशारा करते हुए बांग्लादेशी प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बहुत अफसोसजनक है कि राजनीतिक पार्टी ने लिबरेशन वॉर क्रिमिनल्स को मंत्री के रूप में चुना था।
शेख हसीना ने कहा, 'देश उन दोषियों को कभी माफ नहीं करेगा। देश के लोगों को उनसे सावधान रहना होगा जो हमारी मां और बहनों के साथ यौन अपराध और जाति के आधार पर हिंसा, आगजनी और लूट पाट की घटना करने वाले अपराधियों को समर्थन करते हैं।'
कार्यक्रम में शामिल लोगों ने 1952 में भाषाई आंदोलन में मारे गए लोगों के सम्मान में एक मिनट का मौन धारण किया।
भाषा आंदोलन पहले के पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में छात्रों का राजनीतिक आंदोलन था, जिसमें पाकिस्तान के अधिराज्य में सरकार, शिक्षा, मीडिया और अन्य जगहों पर बंगाली भाषा को अधिकारिक भाषा बनाने की लड़ाई लड़ी गई थी।
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Source : News Nation Bureau