अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच सवा दो घंटे से ज्यादा समय तक बातचीत हुई. ये बातचीत पहले से तय थी. दुनिया के शीर्ष दो नेताओं के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 2.17 घंटों तक बात हुई. वैश्विक न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, ताइवान में अमेरिकी दखलंदाजी से नाराज चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने बाइडन को एक तरह से सीधी धमकी दे दी. जिनपिंग ने ताइवान के मामले पर बाइडेन को धमकाते हुए कहा कि मैं आपसे सिर्फ इतना कहूंगा कि जो लोग आग से खेलने की कोशिश करते हैं, वो जल जाते हैं.
जिनपिंग-बाइडेन के बीच पांचवीं बातचीत
चीन के इस कड़वाहट के सीधे मायने हैं. ताइवान के मामले को लेकर दोनों देशों में तनाव बढ़ रहा है. चीन ने साफ शब्दों में कहा कि उसे ताइवान में दखलंदाजी बिल्कुल भी मंजूर नहीं है. ये दोनों वैश्विक नेताओं के बीच पांचवीं बार बातचीत थी. इस बारे में व्हाइट हॉउस ने बयान जारी किया. वॉइट हाउस ने बताया कि बाइडेन-जिनपिंग के बीच, सुबह 8:33 बजे शुरू हुई और सुबह 10:50 बजे खत्म हुई. जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद शिनपिंग से ये उनकी पांचवीं बार बातचीत है. बाइडेन और शी ने आखिरी बार रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के कुछ समय बाद मार्च में बातचीत की थी.
बातचीत पर चीन का बयान
इस बातचीत के बाद चीन ने लंबा-चौड़ा बयान जारी कर ताइवान को लेकर अमेरिका को खूब सुनाया है. चीन ने कहा कि 28 जुलाई की शाम को राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के अनुरोध पर फोन पर उनसे बात की. दोनों राष्ट्रपतियों के बीच चीन-अमेरिका संबंधों और हित के मुद्दों पर स्पष्ट संवाद का आदान-प्रदान हुआ. राष्ट्रपति शी ने कहा कि आज दुनिया में अशांति और परिवर्तन के रुझान विकसित हो रहे हैं, और विकास और सुरक्षा में बड़ी कमी आ रही है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय और दुनिया भर के लोग उम्मीद करते हैं कि चीन और अमेरिका विश्व शांति और सुरक्षा को बनाए रखने और वैश्विक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे. यह दो प्रमुख देशों के रूप में चीन और अमेरिका की जिम्मेदारी है.
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चीन-अमेरिका में तनाव के पीछे ताइवान
माना जा रहा है कि अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी अगले हफ्ते ताइवान के दौरे पर जा रही हैं. 25 साल बाद अमेरिका का कोई इतना बड़ा नेता ताइवान के आधिकारिक दौरे पर जा रहा है. यह चीन के लिए साफ संकेत है कि अमेरिका अब ताइवान को अकेले नहीं छोड़ेगा और उसको हर स्तर पर मदद देगा. चीन को यह सख्त नामंजूर है. यही वजह है कि चीन कई दिनों से अमेरिका को नतीजे भुगतने की धमकी दे रहा है.
HIGHLIGHTS
- ताइवान के मुद्दे पर चीन ने धमकाया
- शी जिनपिंग ने फोन पर जो बाइडेन को धमकाया
- नैंसी पेलोसी की संभावित यात्रा को लेकर टेंशन बढ़ी