प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के मुलाकात के ठीक पहले चीन के प्रमुख राजनयिक ने कहा है कि डोकलाम विवाद भारत और चीन के बीच 'परस्पर भरोसे के अभाव' के कारण हुआ था।
राजनयिक ने कहा कि भारत और चीन को सीमा विवाद धीरे-धीरे सुलझाने चाहिए और एक साथ काम कर अनुकूल माहौल बनाना चाहिए।
पिछले साल दोनों देशों के बीच संबंध सिक्किम के नजदीक डोकलाम में 73 दिनों के सैन्य गतिरोध के कारण गंभीर तनाव से गुजरे थे जो 28 अगस्त को खत्म हुआ था। इस क्षेत्र में भूटान भी अपना दावा करता आया है।
चीन के उप विदेश मंत्री कोंग शुआन्यु ने बुधवार को डोकलाम विवाद के सवालों को लेकर कहा, 'पिछले साल के सीमा विवाद में दोनों देशों के बीच परस्पर भरोसे अभाव नजर आया।'
मोदी और शी की मुलाकात में इस मुद्दे को सुलझाने पर किए गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, क्योंकि दोनों देश बाहरी रणनीति को लेकर जुड़े हुए हैं न कि सीमा विवाद पर जो कि अब तक सुलझाया नहीं गया है। इस मुद्दे पर अनौपचारिक समिट में बातचीत की जरूरत है।
बता दें कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ 3,488 किलोमीटर का है। दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधयों के तरफ से इसे सुलझाने को लेकर 20 राउंड की बातचीत हो चुकी है।
कोंग ने कहा, 'वास्तव में, सीमा का सवाल महत्वपूर्ण है। दोनों देशों को अनुकूल माहौल बनाने के लिए एक साथ काम करने की जरूरत है। सीमा विवाद का पूरी तरह से समाधान दोनों देशों के बीच सहयोग और परस्पर भरोसे को और मजबूत करेगा।'
उन्होंने कहा कि चीन और भारत को अपनी पारस्परिक भरोसे को मजबूत करने के लिए बड़े प्रयासों की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि इस समिट से न केवल दोनों देशों को फायदा होगा, बल्कि इससे पूरे क्षेत्र में शांति और विकास का संदेश जाएगा।
गौरतलब है कि द्विपक्षीय रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए 27-28 अप्रैल को पीएम मोदी और शी जिनपिंग चीन के वुआन में अनौपचारिक बैठक करेंगे।
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HIGHLIGHTS
- चीन ने कहा कि एक साथ काम कर अनुकूल माहौल बनाना चाहिए
- डोकलाम में 73 दिनों के सैन्य गतिरोध के कारण गंभीर तनाव हुआ था
- 27-28 अप्रैल को मोदी और शी जिनपिंग की होगी वुहान में मुलाकात
Source : News Nation Bureau