अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप( Donald Trump) ने व्यापार के मसलों पर अपना सख्त रुख अख्तियार करते हुए जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेज (जीएसपी) के तहत भारत के लिए 5.6 अरब डॉलर की व्यापार रियायत 5 जून से समाप्त करने का फैसला किया है. ट्रंप ने शुक्रवार रात कहा, 'मैंने पाया है भारत ने अमेरिका को आश्वस्त नहीं किया है कि वह उसे समतुल्य व उचित बाजार में पैठ प्रदान करेगा.'
उन्होंने कहा, 'तदनुसार 5 जून, 2019 से विकासशील देश के लाभार्थी के तौर पर भारत के ओहदे को समाप्त करना उचित है.'
गौरतलब है कि इस महीने के आखिर में जापान में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच होने वाली मुलाकात से पहले अमेरिका ने भारत के लिए जीएसपी रद्द किया है.
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ट्रंप का मकसद अमेरिका के भारी व्यापार घाटे को समाप्त करना है. इसलिए उन्होंने चीन के साथ व्यापार जंग के साथ-साथ कई देशों से अमेरिका में आयात होने वाली वस्तुओं पर शुल्क लगाया है.
उन्होंने बुधवार को मेक्सिको से आयातित वस्तुओं पर दंडात्मक शुल्क बढ़ाने की घोषणा की.
भारत के साथ-साथ तुर्की की भी जीएसपी के तहत व्यापार रियायत समाप्त कर दी गई है.
जीएसपी कार्यक्रम के दायरे में 1975 में आया भारत इस कार्यक्रम के तहत अमेरिका में सबसे बड़ा लाभार्थी है.
हालांकि अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) के अनुसार, 2017 में कुल निर्यात का मूल्य 76.7 अरब डॉलर था, जिसका जीएसपी निर्यात 5.6 अरब डॉलर एक छोटा-सा हिस्सा है.
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भारत और अमेरिका के बीच 2017 में 126.2 अरब डॉलर का व्यापार हुआ, जिसमें अमेरिका का व्यापार घाटा 27.3 अरब डॉलर था.
अमेरिकन एपेरल एंड फुटवियर एसोसिएशन ने यूएसटीआर को लिखा है कि अगर इंडोनेशिया और थाईलैंड के साथ-साथ भारत से जीएसपी फायदा वापस लिया जाता है तो उनके पास चीन की तरफ लौटने के सिवा कोई उपाय नहीं होगा.
Source : IANS