काबुल में फिदायीन हमले और उसकी जिम्मेदारी तालिबान द्वारा लेने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शांति वार्ता को रद करने का फैसला किया है. ट्रंप ने शनिवार को इसकी जानकारी दी. इस बम धमाके में एक अमेरिकी सैनिक समेत 12 लोगों की मौत हो गई थी. ट्रंप ने ट्वीट कर कहा कि तालिबान के प्रमुख नेता और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी रविवार को कैंप डेविड में उनसे अलग-अलग बैठक में मिलने वाले थे. इसके लिए वे आज रात को ही अमेरिका पहुंचने वाले थे, लेकिन उन्होंने अब यह बैठक भी रद कर दी है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अफगान सरकार ने कहा था कि यह समझौता जल्दबाजी में हो रहा है.
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सैद्धांतिक सहमति की शर्त तोड़ी तालिबान ने
इसके पहले अमेरिका और तालिबान के बीच 'सैद्धांतिक' रूप से इस बात को लेकर सहमति बन गई थी कि अमेरिका अफगानिस्तान से अपनी फौज वापस बुला लेगा. इसके बावजूद काबुल में घातक हमलों की संख्या बढ़ गई है. इससे अमेरिका के राष्ट्रपति चिढ़ गए हैं और उन्होंने तालिबान के साथ फिलहाल अपनी बातचीत बंद कर दी है. राष्ट्रपति अशरफ गनी ने एक बयान में कहा, 'बेगुनाह लोगों की हत्या करने वाले समूह से शांति समझौता करना निरर्थक है.'
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तालिबान ने किया दूसरा हमला
बता दें कि पिछले गुरुवार को तालिबान के एक फिदायीन ने कार बम से विस्फोट कर दिया जिसमें अमेरिका और रोमानिया के एक-एक सैनिक की मौत हो गई और अफगानिस्तान के कम से कम 10 आम लोगों की जान चली गई थी. इस राजनयिक क्षेत्र में अमेरिकी दूतावास भी है. पिछले हफ्ते यह दूसरा हमला था. अमेरिका और तालिबान के बीच शांति समझौते को अंतिम रूप दिए जाने के दौरान यह विस्फोट हुआ था.
HIGHLIGHTS
- काबुल धमाके के बाद तालिबान अमेरिका शांति वार्ता रद.
- डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर दी जानकारी.
- एक हफ्ते में दो फिदायीन हमलों से चिढ़ा अमेरिका.