अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने संविधान के पांचवे संशोधन की मदद लेते हुए न्यूयॉर्क के अटार्नी जनरल के सामने शपथ के तहत रखे गए सवालों का जवाब देने इंकार कर दिया. बताते हैं कि अटार्नी जनरल के समक्ष ट्रंप के व्यापारिक लेन-देन को लेकर लंबे समय से दीवानी जांच चल रही है. इसी संदर्भ में ट्रंप को अटार्नी जनरल (Attorney General) ने समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था. इस कड़ी में ट्रंप अटार्नी जनरल लेटीटिया जेम्स के समक्ष सुबह 9 बजे से पहले पेश हुए. इसके एक घंटे के बाद ट्रंप ने बयान जारी कर कहा कि अमेरिकी संविधान (Constitution) के तहत प्रत्येक नागरिक को मिले अधिकारों और विशेषाधिकारों के तहत प्रश्नों का जवाब देने से इंकार कर रहे हैं.
ट्रंप ने लिखित बयान में बताई बात
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में कहा, 'मुझसे किसी ने पूछा था कि अगर आप निर्दोष हैं तो संविधान के पांचवें संशोधन का सहारा क्यों ले रहे हैं?' आज मेरे पास इस सवाल का जवाब है. उन्होंने बयान में आगे कहा, 'जब आपका परिवार, आपकी कंपनी और आपके आसपास के सभी लोगों राजनीति से प्रेरित दुष्प्रचार और अभियान का शिकार बनते हैं. जब ऐसे अभियान को वकील, अभियोजन पक्ष और पेक न्यूज मीडिया का भी समर्थन प्राप्त होता है, तो आपके पास कोई औऱ दूसरा विकल्प नहीं बचता.'
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फिर भी फंस सकते हैं ट्रंप
हालांकि कानून के जानकारों का मानना है कि अपने बचाव में ट्रंप ने जिस तरह अपने लिखित बयान में मुखरता का इस्तेमाल किया है, वह बयान के सूचीबद्ध करने के दौरान बैकफायर कर सकता है. इसकी बड़ी वजह यही है कि वह जो कुछ भी कह रहे हैं उसका इस्तेमाल मैनहट्टन जिला अटार्नी की चल रही समानांतर जांच में उनके खिलाफ इस्तेमाल में लाई जा सकती है. गौरतलब है कि बुधवार को पेश आए इस घटनाक्रम से कुछ दिन पहले एफबीआई ने फ्लोरिडा में ट्रंप के मार-ए-लोगो एस्टेट पर छापेमारी की थी. ट्रंप पर आरोप है कि व्हाइट हाउस छोड़ते समय वह अपने साथ संवेदनशील दस्तावेज भी लेते आए थे.
HIGHLIGHTS
- एफबीआई ने विगत दिनों फ्लोरिडा में डोनाल्ड ट्रंप के एस्टेट में की छापेमारी
- अमेरिकी संविधान की आड़ लेकर ट्रंप ने सवालों के जवाब से किया इंकार