अमेरिका ने भारत को करारा झटका दिया है. ईरान से तेल आयात करने पर अब भारत को अमेरिकी प्रतिबंध झेलना पड़ेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान से कच्चे तेल के आयात पर आगे किसी देश को कोई छूट नहीं देने का फैसला किया है. अमेरिका के इस फैसले का सबसे ज्यादा प्रभाव भारत और चीन पर पड़ेगा. हालांकि, भारत सरकार अमेरिका के इस फैसले से होने वाले नुकसान के बारे में अध्ययन कर रही है. व्हाइट हाउस ने 2 मई के बाद ईरान से तेल आयात करने वाले भारत समेत कई देशों पर अमेरिकी पाबंदी लगाने का ऐलान किया है. इससे पहले यह खबर वॉशिंगटन पोस्ट में छपी थी. जिसमें अतिरिक्त छूट नहीं देने की बात कही गई थी.
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अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने ऐलान किया था कि जो देश ईरान से तेल आयात पूरी तरह बंद नहीं करेगा, उसे अमेरिकी प्रतिबंध झेलना पड़ेगा. अमेरिका 2 मई के बाद किसी भी देश को ईरान से तेल आयात करने की कोई छूट नहीं देगा. अमेरिका पूरी तरह से ईरान को अलग-थलग करने की पुरजोर कोशिश कर रहा है. दरअसल, पिछले साल नवंबर में अमेरिका ने 8 देशों को ईरान से तेल आयात नहीं करने के आदेश दिए थे. साथ ही आयात के बदले अन्य विकल्प तलाशने के लिए 180 दिनों की छूट दी थी. यह अवधि अब 2 मई को पूरी हो रही है. इन आठ देशों में से तीन देश, यूनान, इटली और ताइवान ने पहले ही ईरान से तेल आयात घटाकर शून्य कर लिया है. अन्य पांच देशों में भारत, चीन, तुर्की, जापान और दक्षिण कोरिया शामिल हैं जिन्हें अब ईरान से या तो तेल आयात बंद करना होगा या अमेरिकी प्रतिबंध को झेलना पड़ेगा.
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बता दें कि वर्तमान में ईरान से सबसे ज्यादा तेल का आयात चीन और भारत करता है. अब अगर भारत 2 मई के बाद भी डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के खिलाफ ईरान से तेल का आयात जारी रखता है, तो अमेरिका के साथ इनके द्विपक्षीय रिश्तों में तनाव आ सकता है. व्यापार जैसे अन्य मुद्दों पर भी इसका असर देखा जा सकता है.
Source : News Nation Bureau