ट्रंप प्रशासन चीन से आयातित 200 अरब डॉलर मूल्य के उत्पादों पर प्रस्तावित 10 फीसदी आयात कर को बढ़ाकर 25 फीसदी करने पर विचार कर रहा है।
अमेरिकी मीडिया के अनुसार, चीनी उत्पादों पर शुल्क बढ़ाने के मामले में अमेरिका के अधिक सख्त रुख की घोषणा बुधवार तक हो सकती है। अमेरिका के इस रुख से वॉशिंगटन और बीजिंग के बीच दोबारा व्यापारिक तनाव बढ़ सकता है, जिसको लेकर पहले से ही व्यापार युद्ध की नौबत आ गई है। दोनों पक्षों के बीच बातचीत से तनाव कम करने में कोई खास कामयाबी नहीं मिली।
चीनी सरकार ने प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए बुधवार को कहा कि वॉशिंगटन द्वारा आयात शुल्क लगाने की धमकी देकर भयादोहन करने की कोशिश काम नहीं आएगी।
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चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, 'अमेरिका द्वारा भयादोहन और दबाव डालने की नीति चीन पर कभी काम नहीं आएगी। अगर उन्होंने दोबारा तनाव बढ़ाने की कोशिश की तो हम अपने वैध अधिकारों और हितों को बरकरार रखने के लिए निश्चित तौर पर जवाबी कार्रवाई करेंगे।'
गेंग शुआंग ने कहा, 'चीन का हमेशा विश्वास रहा है कि व्यापारिक विवादों का समाधान बातचीत से होना चाहिए। हमारी निष्ठा और प्रयासों को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय देख रही है।'
इससे पहले जुलाई में अमेरिका ने 34 अरब मूल्य के चीनी उत्पादों पर 25 फीसदी आयात शुल्क लगा दिया, जिसकी प्रतिक्रिया में बीजिंग ने भी तत्काल उतने ही मूल्य के अमेरिकी उत्पादों पर आयात शुल्क लगा दिया।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, दूसरे दौर में 16 अरब मूल्य के उत्पादों पर आयात शुल्क इस हफ्ते से प्रभावी हो सकता है।
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Source : IANS