जम्मू-कश्मीर मसले पर भारत को कभी मध्स्थ्ता का ऑफर देने वाले अमेरिका ने अब इस मसले को द्विपक्षीय बताया है. कश्मीर मुद्दे पर अपना रुख पूरी तरह से साफ करते हुए अमेरिकी प्रशासन ने कह दिया है कि कश्मीर भारत-पाकिस्तान का द्विपक्षीय मसला है और अमेरिका इसमें बिल्कुल दखल नहीं देगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन सिंगला ने कहा, अमेरिका दोबारा अपनी पुरानी नीति पर चलना चाहता है. इसी के साथ अमेरिका ये भी चाहता है कि कश्मीर मुद्दे का हल भारत-पाकिस्तान एक साख मिलकर निकाले.
यह भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर को लेकर मुकेश अंबानी का ये है बड़ा प्लान, PM नरेंद्र मोदी के सपनों को ऐसे करेंगे साकार
इससे पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को ऑफर दिया था कि अगर वो चाहे तो अमेरिका कश्मीर मामले में मध्यस्थता कर सकता है लेकिन भारत ने इस पर अपना रुख साफ करते हुए कह दिया था कि कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है, और इस पर फैसला केवल दोनों देश ही कर सकते हैं.
बता दें, जम्मू-कश्मीर पर अमेरिका का रुख ऐसे समय में सामने आया है जब घाटी से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इस मुद्दे पर अमेरिका से मदद की गुहार लगा रहे हैं. दरअसल हाल ही में उन्होंने ट्विट कर अमेरिका से अपील की थी कि वो अब इस मामले में मध्यस्थता करे. वहीं दूसरी तरफ इमरान खान जम्मू कश्मीर के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र ले जाने की बात भी कर चुके हैं. इमरान ने यह बात संसद के संयुक्त सत्र को सम्बोधित करते हुए यह बात कही थी.
यह भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर पर भारत की बड़ी जीत के साथ पाकिस्तान की करारी हार, पढ़ें पूरी खबर
इससे पहले पाकिस्तान अपने मित्र देशों से मदद की गुहार लगा चुका है, लेकिन कोई भी देश पाकिस्तान के साथ नहीं आया. पूरे मामले में पाकिस्तान अलग थलग पड़ चुका है. कुछ समय पहले अनुच्छेद 370 हटने के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा था कि जम्मू कश्मीर अंतरराष्ट्रीय तौर पर विवादित क्षेत्र है. इसका एक पक्ष होने के नाते पाकिस्तान इस कदम का विरोध करेगा.