मालदीव में जारी राजनीतिक संकट के मसले पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर बात की है। दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान और भारत-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति को लेकर भी चर्चा की।
व्हाइट हाउस के मुताबिक, 'दोनों नेताओं ने मालदीव में जारी राजनीतिक संकट पर चिंता जताई और लोकतांत्रिक संस्थाओं और कानून का राज स्थापित करने पर जोर दिया।'
बयान के मुताबिक, ट्रंप की दक्षिण एशिया नीति को दोहराते हुए दोनों नेताओं ने भारत प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ाने और सुरक्षा एवं आर्थिक सहयोग को मजबूत करने की दिशा में मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई।
उन्होंने कहा कि वे अप्रैल में भारत और अमेरिका के रक्षा और विदेश मंत्रियों की बैठक को लेकर आश्वस्त हैं। दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान का उल्लेख करते हुए हिंसाग्रस्त देशों में सुरक्षा और स्थिरता की बहाली के प्रयास जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई।
बयान के मुताबिक, दोनों नेताओं के बीच म्यांमार के रोहिंग्या शरणार्थियों की दशा से निपटने को लेकर भी चर्चा की। उत्तर कोरियाई मुद्दे पर भी चर्चा की गई। इस दौरान मोदी और ट्रंप ने प्योंगयांग को परमाणु निरस्त्रीकरण करने के तरीकों पर चर्चा की।
मालदीव संकट
आपको बता दें कि मालदीव के सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला देते हुए पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के खिलाफ चली सुनवाई को असंवैधानिक करार दिया था और नौ सांसदों को रिहा करने का आदेश दिया था। इन सांसदों की रिहाई के बाद विपक्ष बहुमत में आ सकता था।
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इस फैसले से बौखलाए मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने पिछले सोमवार को 15 दिन के आपालकाल की घोषणा की थी और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानने से इनकार कर दिया था।
मालदीव पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को गिरफ्तार कर लिया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने नशीद की रिहाई संबंधी अपने आदेश वापस ले लिये हैं।
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आपतकाल के बाद मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने मंगलवार को भारत सरकार से सैन्य हस्पक्षेप का आग्रह किया।
नशीद ने ट्वीट कर कहा था कि वह मालदीव के लोगों की ओर से भारत से 'सेना समर्थित' राजनयिक भेजने का आग्रह कर रहे हैं ताकि पूर्व राष्ट्रपति मैमून अब्दुल गयूम समेत राजनीतिक बंदियों व न्यायाधीशों को रिहा करवाया जा सके।
वहीं चीन ने अप्रत्यक्ष रूप से भारत को मालदीव में हस्तक्षेप को लेकर चेताया है और कहा है कि देश के राजनीतिक संकट में बाहरी 'हस्तक्षेप' से स्थिति और जटिल होगी।
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Source : News Nation Bureau