चीन (China) ने संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में बीजिंग के खिलाफ सख्त टिप्पणी के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) पर बुधवार को निशाना साधते हुए कहा कि उनके आरोप परोक्ष तौर पर ‘राजनीतिक उद्देश्यों’ से प्रेरित और ‘मनगढ़ंत झूठ’ से भरे हुए थे. ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि ‘चीनी वायरस’ की महामारी को नियंत्रित करने में विफल रहने के लिए संयुक्त राष्ट्र को चीन को जिम्मेदार ठहराना चाहिए जिससे पूरी दुनिया में लगभग दस लाख लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें दो लाख अमेरिकी नागरिक शामिल हैं.
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चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेंगबिन ने ट्रंप की टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिकी नेता की संयुक्त राष्ट्र महासभा में चीन को लेकर टिप्प्णी ‘तथ्यों से परे थी और मनगढ़ंत से भरी हुई थी.’ वांग ने कहा कि परोक्ष तौर पर राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित होकर, राष्ट्रपति ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र के मंच का इस्तेमाल चीन के खिलाफ निराधार आरोप लगाने के लिए किया. चीन इन आरोपों का दृढ़ता से विरोध करता है. इस तरह के कृत्यों ने फिर से दिखाया है कि एकपक्षवाद और धौंस दिखाना दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा है.
उन्होंने कहा कि झूठ को किसी भी तरह से सच्चाई के तौर पर पेश नहीं किया जा सकता. दुनिया को कोविड-19 में चीन के रिकॉर्ड के बारे में पूरी तरह से पता है. उन्होंने कहा कि यह वायरस पूरी मानव जाति का साझा दुश्मन है. उन्होंने कहा कि चीन वायरस का एक पीड़ित है और देश ने वायरस के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में अपना योगदान दिया है. ट्रंप ने मांग की कि चीन को इस वायरस को काबू में करने के लिए विफल रहने पर जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए जहां से कोरोना वायरस सामने आया है.
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वांग ने गत वर्ष दिसंबर में वुहान में इस वायरस के पहली बार सामने आने के बाद चीन द्वारा इसके खिलाफ कदम उठाने में देरी किये जाने के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि चीन ने महामारी के बारे में जानकारी दी, इस वायरस की पहचान की और इसके बारे में जानकारी जितनी जल्दी संभव हुआ दुनिया के साथ साझा की. उन्होंने कहा कि जब मनुष्य से मनुष्य में संक्रमण फैलने की पुष्टि हुई, चीन ने तत्काल वुहान से सभी निकास बंद करने का निर्णय किया.
उन्होंने कहा कि 31 जनवरी को अमेरिका ने चीन से सीधी उड़ान निलंबित कर दी. जब दो फरवरी को अमेरिका ने सभी चीनी नागरिकों के लिए अपनी सीमाएं बंद की उस समय अमेरिका में मात्र दो दर्जन मामले सामने आये थे. वांग ने साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का भी बचाव किया जिस पर ट्र्रंप ने आरोप लगाया है कि वह वस्तुत: चीन द्वारा नियंत्रित है.