न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में दो मस्जिदों में शुक्रवार को हुई गोलीबारी में 49 लोगों की हत्या के बाद पूरा विश्व स्तब्ध है. हमलावर को श्वेत कट्टर दक्षिणपंथी बताया जा रहा है. आरोपी हमलवार ने एक वीडियो में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक 'श्वेत पहचान को दोबारा उभारने का प्रतीक' करार दिया था. इस पर ट्रंप ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि श्वेत राष्ट्रवाद पूरी दुनिया में बढ़ रहा है और यह कोई बड़ा खतरा है. इस गोलीबारी में 20 से अधिक लोग घायल भी हुए थे.
ट्रंप से जब पूछा गया कि क्या वे श्वेत राष्ट्रवाद में बढ़ोतरी देखते हैं तो उन्होंने कहा, 'मैं ऐसा नहीं मानता हूं. मेरा मानना है कि यह एक बहुत छोटा समूह है जिनके साथ बहुत अधिक समस्याएं हैं.'
उन्होंने कहा, 'न्यूजीलैंड में जो कुछ अगर आपने देखा, शायद यह वही मामला है. मैं इसके बारे में अभी अधिक नहीं जानता हूं.' ट्रंप ने क्राइस्टचर्च में हुए इस नरसंहार को 'भयानक' बताया.
हमलावरों में एक बंदूकधारी की पहचान ऑस्ट्रेलियाई चरमपंथी के रूप में हुई है जिसने हमले की स्पष्ट रूप से ऑनलाइन लाइवस्ट्रीमिंग की थी. इस हमले के बाद क्राइस्टचर्च में किसी के आने और शहर से किसी के बाहर जाने पर रोक लगा दी गई.
लोगों का मानना है कि यह किसी पश्चिमी देश में मुस्लिमों के खिलाफ सबसे भीषण हमला है. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पीड़ितों पर बहुत नजदीक से गोलियां चलाई गईं थी. मृतकों में महिलाएं एवं बच्चे भी शामिल हैं.
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने इसे 'न्यूजीलैंड के सबसे काले दिनों में से एक' करार दिया और कहा, 'यह स्पष्ट है कि इसे अब केवल आतंकवादी हमला ही करार दिया जा सकता है. हम जितना जानते हैं, ऐसा लगता है कि यह पूर्व नियोजित था.' अर्डर्न ने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि गोलीबारी में कितने हमलावर शामिल थे लेकिन तीन पुरुषों को हिरासत में लिया गया है.
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वहीं ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने बताया कि गोलीबारी करने वाला एक बंदूकधारी एक दक्षिणपंथी चरमपंथी है जिसके पास ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता है.
मस्जिद में मौजूद एक फलस्तीनी व्यक्ति ने बताया कि उसने एक व्यक्ति के सिर में गोली लगती देखी. उसने कहा, 'मुझे लगातार 3 गोलियों की आवाज सुनाई दी और मुश्किल से 10 सेकंड बाद ही फिर से ऐसा हुआ. हमलावर के पास संभवत: स्वचालित हथियार होगा क्योंकि कोई इतनी जल्दी ट्रिगर नहीं दबा सकता.'
ऑनलाइन उपलब्ध वीडियो और दस्तावेजों से यह पता चलता है कि हमलावर ने हमले का फेसबुक लाइव किया था. वीडियो एवं दस्तावेजों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. इस बीच, पुलिस ने गोलीबारी संबंधी कोई भी वीडियो साझा नहीं करने की चेतावनी दी है. दरअसल, ऑनलाइन मौजूद एक वीडियो में एक बंदूकधारी मस्जिद में लोगों पर गोली चलाते समय वीडियो बनाते दिख रहा है.
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पुलिस ने ट्वीट किया, 'पुलिस जानती है कि क्राइस्टचर्च में हुई घटना के संबंध में एक बहुत ही तकलीफदेह वीडियो ऑनलाइन साझा किया जा रहा है. हम अपील करेंगे कि यह लिंक साझा नहीं किया जाए. हम फुटेज हटाने की कोशिश कर रहे हैं.'
पुलिस ने बताया कि मस्जिद अल नूर में हुए हमले में 41 लोगों की मौत हुई और लिनवुड अवे मस्जिद में सात और लोगों की मौत हुई. दोनों मस्जिद पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं. यह स्पष्ट नहीं है कि क्या दोनों मस्जिदों में एक ही हमलावर ने गोलीबारी की थी या नहीं.
Source : News Nation Bureau