अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 73वें सत्र में विश्व के नेताओं को संबोधित करते हुए भारत को एक 'मुक्त समाज' बताया और अपने लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के लिए मंगलवार को भारत के प्रयासों की सराहना की। ट्रंप ने भारत को एक ऐसा देश बताया, जिसने लोकतंत्र और आजादी को बरकरार रखते हुए अपने लाखों लोगों को गरीबी के दलदल से बाहर निकाला है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंगलवार को शुरू हुए जनरल डिबेट को दूसरी बार संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, 'भारत है, जहां का समाज मुक्त है और एक अरब से अधिक आबादी में लाखों लोगों को सफलतापूर्वक गरीबी से ऊपर उठाते हुए मध्यम वर्ग में पहुंचा दिया।'
करीब 35 मिनट के संबोधन में उन्होंने कहा कि वर्षों से संयुक्त राष्ट्र महासभा के हॉल में इतिहास देखा गया। उन्होंने कहा कि हमारे समक्ष अपने देशों की चुनौतियों, अपने समय के बारे में चर्चा करने आए आए लोगों के भाषणों, संकल्पों और हर शब्दों एवं उम्मीदों में वहीं सवाल कौंधते हैं जो हमारे जेहन में उठते हैं।
इसके अलावा ट्रंप ने अपने भाषण में 'अमेरिका फर्स्ट' की अपनी नीति पर जोर देते हुए कहा कि वह देशभक्ति में अपनी आस्था के कारण वैश्वीकरण की विचारधारा को खारिज करते हैं। उन्होंने चीन, ईरान और वेनेजुएला के खिलाफ अपनी कड़ी नीतियों को दोहराया।
ट्रंप ने कहा, 'यह सवाल है कि हम अपने बच्चों के लिए किस तरह की दुनिया छोड़कर जाएंगे और किस तरह का देश उन्हें उत्तराधिकार में मिलेगा।'
उन्होंने कहा कि जो सपने यूएनजीए के हॉल में आज दिखे वे उतने ही विविध हैं जितने इस पोडियम पर खड़े लोग और उतने ही विविध हैं जितना संयुक्त राष्ट्र में दुनिया के देशों का प्रतिनिधित्व है। उन्होंने कहा, 'यह वास्तव में कुछ है। वास्तव में यह काफी महान इतिहास है।'
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अमेरिकी राष्ट्रपति ने तेल उत्पादक देशों की संस्था ओपेक से अपनी 'भयावह कीमतों' को कम करने की मांग की। ट्रंप ने सऊदी अरब के साहसिक नये सुधारों और इस्राइली गणतंत्र की 70वीं जयंती का उदाहरण दिया।
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Source : News Nation Bureau