अमेरिका ने ईरान से तेल आयात करने और रूस से एस-400 एयर मिसाइल खरीदने को लेकर हुए समझौते को लेकर भारत को चेतावनी दी है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि दोनों चीजें भारत-अमेरिका संबंधों के लिए फायदेमंद साबित नहीं होगा. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हीदर नोर्ट ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'ईरान से तेल खरीदने या रूस से एस-400 मिसाइल खरीदने जैसी चीजें भारत के लिए फायदेमंद नहीं रहेगा. अमेरिकी सरकार इन चीजों की बहुत सावधानी से समीक्षा कर रही है.'
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लंबे समय से सहयोगी देशों पर चार नवंबर के बाद ईरान से तेल आयात रोकने के लिए जोर डाल रहे हैं. डोनाल्ड ट्रंप द्वारा आठ मई को ऐतिहासिक ईरान परमाणु समझौते से अलग होने के फैसले के बाद अमेरिका ने ईरान से हटाए गए प्रतिबंधों को फिर से लागू करने का संकल्प लिया.
उन्होंने उस वक्त कहा था कि जो कंपनियां ईरान में व्यवसाय कर रही हैं, उन्हें 180 दिनों में अपने निवेश बंद करने के लिए कहा गया है, अन्यथा उन्हें भारी जुर्माना देना होगा.
हीथर नोर्ट ने कहा, 'जैसा कि आप सभी जानते हैं, हम हाल ही में भारत में थे जहां इन मुद्दों को लेकर भारत सरकार के साथ बातचीत हुई थी. प्रतिबंध लागू होने के बाद भी भारत के ईरान से तेल खरीदने पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने चेतावनी दी थी.'
उन्होंने कहा, 'ईरान से तेल आयात करने वाले देशों पर 4 नवंबर से प्रतिबंध प्रभावी होंगे. हम इन प्रतिबंध को लेकर ईरान के सहयोगियों के साथ बातचीत कर रहे है.'
इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को भारत के रूस से हवाई रक्षा प्रणाली S-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने को लेकर कहा था कि जल्द ही भारत को दंडात्मक काट्सा प्रतिबंधों पर अमेरिका के फैसले से अवगत करा दिया जाएगा.
बता दें कि काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट (CAATSA) के तहत रूस के साथ हथियार सौदे पर अमेरिकी प्रतिबंधों से भारत को छूट देने का अधिकार केवल ट्रंप के ही पास है.
अमेरिकी चुनावों में रूस के कथित हस्तक्षेप के कारण यूएसए ने उसके खिलाफ सीएएटीएसए कानून के तहत प्रतिबंध लगाया है जिसमें रूस के रक्षा या खुफिया प्रतिष्ठानों से हथियारों की खरीद-फरोख्त पर तकनीकी रूप से प्रतिबंध लगाने का प्रवाधान है. यानी जो अमेरिका के दुश्मन देशों से हथियार खरीदेगा उस पर अमेरिका अपने नियमों के तहत प्रतिबंध लगाएगा.
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इसके अलावा जो देश ऐसे प्रतिबंधों के बावजूद रूस से हथियार खरीदते हैं तो उसे अमेरिका से भी नई और अत्याधुनिक हथियारों की खरीद पर रोक लगाए जाने का प्रावधान है. ऐसे में भारत और अमेरिका के बीच सैन्य रिश्तों में खटास आने की पूरी आशंका है.
Source : News Nation Bureau