संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने अल-सल्वाडोर, हैती व कुछ अन्य अफ्रीकी देशों के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अपमानजनक टिप्पणी को 'नस्लभेदी' करार दिया है।
समाचार एजेंसी एफे न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त के प्रवक्ता रुपर्ट कोलविले ने इन दोनों देशों को ट्रंप द्वारा गंदा कहे जाने की निंदा की। ट्रंप ने यह टिप्पणी सांसदों के साथ आव्रजन संबंधी एक बैठक में की थी।
कोलविले ने कहा, 'अमेरिका के राष्ट्रपति की यह टिप्पणी आश्चर्यजनक और शर्मनाक है। अफसोस के साथ मुझे कहना पड़ रहा है कि यह नस्लवादी के अलावा और कुछ नहीं है।'
लेकिन, अब ट्रंप ने सामने आकर कहा है कि उन्होंने ऐसी कोई बात नहीं कही है। ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, 'डीएसीए की बैठक में मेरे द्वारा प्रयोग की गई भाषा कड़ी थी, लेकिन ऐसी कोई भाषा (अपमानजनक टिप्पणी) इस्तेमाल नहीं की थी।'
यह भी पढ़ें: चार जजों ने देश से की अपील, सुप्रीम कोर्ट को बचाएं, तभी सुरक्षित होगा लोकतंत्र
ट्रंप ने कहा, "हैती के लोगों के बारे में कभी भी कुछ भी अपमानजनक नहीं कहा, सिवाय हैती के जो जाहिर है कि एक गरीब और समस्याग्रस्त देश है। कभी नहीं कहा कि 'इन्हें बाहर निकालो।' सब डेमोक्रेट्स का गढ़ा है। मेरा हैती के लोगों से बेहतरीन रिश्ता है। शायद आगे की बैठकों को रिकार्ड करना होगा..दुर्भाग्यपूर्ण, कोई भरोसा नहीं!"
तीन हफ्ते पहले न्यूयार्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि जून में ऐसी ही एक बैठक में ट्रंप ने कहा था कि 'सभी हैतीवालों को एड्स है।'
ओवल ऑफिस में हुई इस बैठक में मौजूद लोगों के मुताबिक, ट्रंप इस बात को लेकर हताश थे कि अल-सल्वाडोर, हैती और कुछ खास अफ्रीकी देशों के आव्रजकों को अमेरिका आने दिया जा रहा है।
कहा जा रहा है कि ट्रंप ने कहा, 'आखिर इन गंदे देशों के इन तमाम लोगों को हम अपने यहां क्यों आने दे रहे हैं। हमें हैती के और लोगों की क्या जरूरत है। उन्हें निकाल बाहर करें।'
ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका को नार्वे जैसे देशों के आव्रजकों का स्वागत करना चाहिए।
यह भी पढ़ें: अंतरिक्ष में ISRO की 100वीं छलांग, 31 सेटेलाइट का सफल प्रक्षेपण
Source : IANS