जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से अमन-चैन कायम होने से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लोगों में पाकिस्तान के प्रति घृणा का भाव पैदा होने लगा है. मुजफ्फराबाद में आए दिन लोग आजादी के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. इन विरोध प्रदर्शनों से उकताकर पाकिस्तानी सेना अब दमन पर उतर आई है. पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद में अब आपातकाल लगा दिया गया है. वहां के प्रेस क्लब में सेना ने आंसू गैस छोड़े, जिससे कई पत्रकार घायल हो गए.
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दरअसल मंगलवार को पीएम इमरान खान की सरकार ने विदेशी राजनयिकों को लेकर उस जगह ले गई थी, जहां भारत ने बोफोर्स तोप से स्ट्राइक की थी.
इसी दौरान मुजफ्फराबाद (Muzaffarabad) में स्थानीय लोग विरोध प्रदर्शन करने लगे. ये लोग पीओके की आजादी की मांग कर रहे थे. इस शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिये पुलिस ने आंसू गैस छोड़े और फायरिंग की, जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए. कुछ पत्रकारों को भी चोटें आई थीं.
पीओके की कई राजनीतिक पार्टियों ने 22 अक्टूबर को ऑल इंडिपेंडेंट पार्टिस एलायंस (AIPA) के बैनर तले आजादी मार्च का आयोजन किया था. 22 अक्टूबर 1947 को ही पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर पर हमला बोला था. इस दिन को पीओके और गिलगिट-बाल्टिस्तान में ब्लैक डे के रूप में मनाया जाता है.
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18 अगस्त को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था, अगर पाकिस्तान से बातचीत होगी तो केवल पीओके पर होगी. भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने भी 06 अगस्त को संसद में कहा था, 'सदन में जब-जब मैं जम्मू एंड कश्मीर राज्य बोला हूं. तब-तब PoK और अक्साई चिन इसका हिस्सा है.'
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो