Advertisment

भारत और पाकिस्तान अपने राजनयिकों को बुला सकते हैं वापस: रिपोर्ट

जासूसी प्रकरण के मद्देनज़र भारत और भारत और पाकिस्तान के संबंधों में तनातनी और बढ़ सकती है।

author-image
pradeep tripathi
एडिट
New Update
भारत और पाकिस्तान अपने राजनयिकों को बुला सकते हैं वापस: रिपोर्ट
Advertisment

जासूसी प्रकरण के मद्देनज़र भारत और भारत और पाकिस्तान के संबंधों में तनातनी और बढ़ सकती है। दोनों के देश अस्थाई रूप से उच्चायोगों से राजनयिकों और कर्मचारियों को वापस बुला सकते हैं।

उरी हमले के बाद से ही दोनों देशों के बीच चल रहे तननाव में एक कड़ी तब जुड़ी जब पाकिस्तान उच्चायोग के स्टाफ को जासूसी मामले में हिरासत मे लिया गया। पाकिस्तान के अखबार ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’के अनुसार इस ताजा तल्खी के मद्देनजर दोनों पड़ोसी देश अपने राजनयिकों की संख्या कम कर सकते हैं।

भारत और पाकिस्तान ने जासूसी गतिविधि के मामले में दोनों देशों ने जैसे का तैसा कार्रवाई के तहत राजनयिक स्टाफ का नाम लेने से तनाव गहरा गया है।

पाकिस्तानी उच्चायोग में वीजा अधिकारी के तौर पर काम कर रहे महमूद अख्तर को बाद में भारत से निष्कासित कर दिया गया था।

ये भी पढ़ें: भारत ने पाकिस्तान के आरोप को बताया झूठ, इस्लामाबाद ने 8 भारतीय दूतावास के अधिकारियों को बताया था जासूस

अखबार ने आरोप लगाया है कि ‘हालांकि भारत ने बल प्रयोग करके अख्तर से बयान लिया है और दूसरे पाकिस्तानी कर्मियों को भी फंसाया गया। मीडिया में ऐसे कम से कम छह अधिकारियों की पहचान लीक की गई जिससे उनकी सुरक्षा खतरे में पड़ गई। इस कदम के कारण पाकिस्तान को उन्हें नयी दिल्ली से वापस बुलाना पड़ा।’

अखबार ने कहा है कि बदले की कार्रवाई के तहत पाकिस्तान ने भी दावा किया कि इस्लामाबाद में भारत के उच्चायोग में तैनात आठ अधिकारी रॉ एवं आईबी के एजेंट है।

पाकिस्तान ने भी भारतीय अधिकारियों के नाम मीडिया में लीक किया जिसके कारण भारत को इन अधिकारियों को वापस बुलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।

Source : News Nation Bureau

INDIA pakistan espionage
Advertisment
Advertisment