यूरोपियन संसद ने मानवाधिकार के मुद्दे को लेकर पाकिस्तान को जमकर लताड़ा है। मिलिट्री कोर्ट के इस्तेमाल और ईशनिंदा को लेकर संसद ने कड़ी निंदा की।
संसद ने एक प्रस्ताव पारित कर कहा है कि पाकिस्तान में मिलिट्री कोर्ट का इस्तेमाल होना चिंता का विषय है और देश में मानवाधिकार का रिकॉर्ड भी काफी खराब है।
बताया जा रहा है कि इस प्रस्ताव में कुलभूषण जाधव केस का जिक्र है। कुलभूषण जाधव को इसी साल अप्रैल में वहां की मिलिट्री कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है। जाधव को पाकिस्तान में संदिग्ध परिस्थितियों में गिरफ्तार किया गया था।
भारत ने कुलभूषण यादव को मिली फांसी की सजा को हेग के अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसके बाद कोर्ट ने कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर स्टे लगा दिया था।
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संसद ने कहा, 'पाकिस्तान में दोषपूर्ण ट्रायल्स के जरिए मौत की सजाएं बड़े पैमाने पर दी जा रही हैं जिनमें ऐसे लोग शामिल हैं जो नाबालिग और मानसिक अपंगता के शिकार है। कई मौत की सजाएं तो ऐसी दी गई हैं जिनमें अभी ट्रायल चल ही रहे थे।'
ब्रुसेल्स में हुई यूरोपियन संसद की मीटिंग में पाकिस्तान से कहा गया है कि वह मौत की सजा पर तुरंत प्रतिबंध लगाए और इसे बिल्कुल खत्म कर दे। सांसद ने भी पाकिस्तान की आर्मी कोर्ट्स में हो रहे सीक्रेट ट्रायल्स पर गहरी चिंता जताई है।
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Source : News Nation Bureau