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यूरोपीय देश चीन की वन बेल्ट वन रोड प्रोजेक्ट को रोकने की तैयारी में लगे

चीन की आर्थिक नीति पर केन्द्रित कई बिलियन डॉलर वाले भू-राजनीतिक प्रोजेक्ट वन बेल्ट वन रोड (ओबीओआर) के ऊपर चिंता जताते हुए कई यूरोपीय देशों ने प्रतिबंध लगाने की पहल की है।

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saketanand gyan
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यूरोपीय देश चीन की वन बेल्ट वन रोड प्रोजेक्ट को रोकने की तैयारी में लगे

चीन की ओबीओआर प्रोजेक्ट (फोटो: ANI)

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चीन की आर्थिक नीति पर केन्द्रित कई बिलियन डॉलर वाले भू-राजनीतिक प्रोजेक्ट वन बेल्ट वन रोड (ओबीओआर) के ऊपर चिंता जताते हुए कई यूरोपीय देशों ने प्रतिबंध लगाने की पहल की है।

यूरोपीय देशों के इस पहल की सफलता पर चीन की इस ओबीओआर परियोजना को कड़ी टक्कर मिल सकती है।

पाकिस्तानी पत्रकार और चीनी नीति संस्था के विश्लेषक ने एक लेख में लिखा है कि जर्मनी, फ्रांस और इटली ने चिंता जताई है कि यह आने वाले भविष्य में यूरोपीय यूनियन को तोड़ सकता है। इसे यूरोप के लिए 'प्रसिद्ध चाइनीज टेकओवर' भी कहा जा रहा है।

सलमान रफी शेख ने लिखा है कि अधिकतर यूरोपीय देश देख रहे हैं कि दक्षिणपूर्व एशिया में चीन के निवेश और सहायता से 'दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के संगठनों को खासकर कंबोडिया और फिलीपींस को कमजोर कर रहा है।'

शेख के अनुसार, ओबीओआर जिसे बेल्ट और रोड प्रस्ताव (बीआरई) से जाना जाता है वह अब तक यूरोप में किसी तरह से मजबूती पाने में भी विफल रहा है।

उन्होंने कहा कि यूरोपीय राजधानियों की बड़ी चिंता चीन के इस प्रोजक्ट के पेंचीदेपन और रहस्यात्मक रूप का होना है। इसमें यह भी कहा गया है कि एशिया में चीन के कई प्रस्ताव पहले भी असफल रहे हैं क्योंकि लाभ पाने वाले देशों पर बीजिंग का दबदबा वाला रवैया रहा है।

शेख ने लिखा है कि जर्मनी चीन के इस प्रोजक्ट को रोकने के लिए एक कानून लागू करने की तैयारी कर रहा है जो अभी ड्राफ्ट के स्तर पर है।

वहीं फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रोन ने कहा कि अकेले बीजिंग के फायदे के लिए चीन का नया सिल्क रोड प्रोजेक्ट लागू नहीं हो सकता है।

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शेख के अनुसार अगर प्रस्तावित विधेयक कानून का शक्ल ले लेती है तो यूरोपीय यूनियन के सदस्य चीन के इस प्रस्तावित प्रोजेक्ट को रोकने में योग्य हो जाएगी और बीजिंग के लिए यह अनिवार्य कर देगी कि वो निवेश से संबंधित सूचना ईयू सदस्यों और यूरोपीयन आयोग के साथ साझा करेगी।

चीन का पूर्वी यूरोप पर फोकस करना उस क्षेत्र के देशों के लिए एक चिंता का विषय है। जर्मनी बीजिंग को 'एक यूरोप' की अवधारणा को सम्मान करने की बात करता रहा है।

चीन के समक्ष एक समान नीति न होने से यूरोप के विभाजन में चीन धीरे धीरे सफल हो सकता है।

बता दें कि वन बेल्ट वन रोड के जरिये चीन एशिया, अफ्रीका, मध्य पूर्व और यूरोप में एक साथ जोड़ने की तैयारी कर रहा है। इस प्रोजक्ट के तहत लगभग 60 देशों के साथ चीन के व्यापारिक संबंध स्थापित होंगे। चीन इसके जरिये भारत को भी घेरने की तैयारी में है।

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Source : News Nation Bureau

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