अमेरिका (America) में कुछ राजनीतिज्ञ कोरोना महामारी (Corona Epidemic) फैलने का दोष चीन पर लादने की कोशिश में जुटे हैं. हालांकि तथ्य यही है कि अमेरिकी राजनीतिज्ञों की कमजोरी और बेकारी से महामारी बहुत जल्दी अमेरिका में फैल गयी और इससे आगे वैश्विक महामारी का प्रसार हुआ. द वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित एक लेख के अनुसार वर्ष 2009 में अमेरिका में एच1एन1 फ्लू फैला. पर अमेरिका के अस्पतालों और सरकार ने इस के मुकाबले में पूरी तैयारी नहीं कीं और सरकार ने रणनीतिक सामग्री का पर्याप्त भंडार भी नहीं रखा.
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नजरअंदाज किया चेतावनियों को
मौजूदा महामारी की रोकथाम में अमेरिका की कमजोरियां नजर आयी हैं और दुर्भाग्यवश अमेरिकी नेताओं ने चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा भेजी गयी चेतावनी को अनदेखा किया और नये कोरोना वायरस महामारी को बड़ा फ्लू बताया. और तो और अमेरिका की अंदरूनी सियासत मुठभेड़ों से 70 दिनों का महत्वपूर्ण वक्त बर्बाद किया गया. गौरतलब है कि शुरुआती दौर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना संक्रमण को गंभीरता से नहीं लिया था. यहां तक कि उन्होंने अमेरिकी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी तक को अनुसुना कर दिया था.
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फिर दूसरों पर दोष मढ़ा
अमेरिका में महामारी के गंभीर रूप से फैलने के बाद अमेरिकी राजनीतिज्ञों ने लोगों की जान बचाने के लिए काम करने के बजाय दूसरों पर दोष मढ़ने का प्रयास किया. इसकी न्यूयार्क टाइम्स ने भी कड़े शब्दों से आलोचना की. उधर अमेरिका में महामारी को रोकने में दिखायी गयी कमजोरी से अमेरिका नए कोरोना निमोनिया महामारी का महत्वपूर्ण निर्यातक बन गया. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने भी कहा कि उन के देश में महामारी से लगे मामलों में 80 प्रतिशत विदेशों से आये हैं और उनमें अधिकांश अमेरिका से आये हैं.
HIGHLIGHTS
- न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने एक लेख में कोरोना का ठीकरा ट्रंप प्रशासन पर फोड़ा.
- अखबार के मुताबिक WHO और चीन की चेतावनियों पर नहीं दिए गए कान.
- अंदरूनी सियासत मुठभेड़ों में 70 दिनों का महत्वपूर्ण वक्त बर्बाद किया गया.