Advertisment

पाकिस्तान के भविष्य पर फैसला आज, FATF के ब्लैकलिस्ट की तलवार लटकी

एफएटीएफ की बैठक से जुड़े सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान को एक बार फिर छह महीनों के लिए एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में रखा जा सकता है.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
Imran Khan

अगर ग्रे लिस्ट में भी रहा तो बर्बादी की कगार पर पहुंच जाएगा पाकिस्तान.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

कंगाल पाकिस्तान (Pakistan) के भविष्य का फैसला आज देर शाम तक होने की संभावना है. मनी लांड्रिंग और आतंक के वित्त पोषण पर निगाह रखने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) तय कर देगी कि पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में बना रहेगा या फिर उसे ब्लैकलिस्ट किया जाएगा. बैठक में शामिल पांच देशों में से चार पाकिस्तान के आतंकवाद को लेकर किए गए काम से असंतुष्ट हैं. इस बैठक में शामिल चीन (China) अपने सदाबहार दोस्त पाकिस्तान को बचाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है. पाकिस्तान यही आरोप लगा रहा है कि भारत (India) इस मंच का उपयोग राजनीतिक हित साधने के लिए कर रहा है. एफएटीएफ की बैठक से जुड़े सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान को एक बार फिर छह महीनों के लिए एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में रखा जा सकता है.

ग्रे लिस्ट में बने रहने की संभावना अधिक
बताते हैं कि इस वैश्विक संस्था ने जो रिपोर्ट तैयार की है, उसमें पाकिस्तान ने 27 कार्यबिंदुओं में से अबतक केवल 26 को ही पूरा किया है. पाकिस्तानी वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने इंटरनेशनल कोऑपरेशन रिव्यू ग्रुप (आईसीआरजी) की ऑनलाइन मीटिंग में पाकिस्तान की प्रगति की समीक्षा की है. इस समूह में चीन, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और भारत शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान को उम्मीद है कि उसे एफएटीएफ की बैठक से कोई अच्छी खबर मिल सकती है, वहीं पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने आरोप लगाया है कि एफएटीएफ एक तकनीकी मंच है और इसका इस्तेमाल राजनीतिक हितों के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

यह भी पढ़ेंः इंदिरा गांधी ने लगाई थी इमरजेंसी, राहुल ने बताए लोकतंत्र पर कांग्रेस के विचार

27 में से 26 नियमों को माना पाकिस्तान ने
सूत्रों के मुताबिक अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी को देखते हुए पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट में बने रहने की संभावना है. पाकिस्तान को एफएटीएफ के बाकी बचे एक बिंदु को लागू करने के लिए कम से कम दो से तीन महीने और लगेंगे. ऐसे में अमेरिका, भारत, फ्रांस और ब्रिटेन कोई भी छूट देने के लिए तैयार नहीं होने वाले हैं. हालांकि प्रदर्शन के मामले में पाकिस्तान बहुत आशावादी है कि उसे एफएटीएफ से अच्छी खबर मिलेगी. अगर पाकिस्तान एफएटीएफ की इस बैठक में भी ग्रे लिस्ट में बना रहता है तो उसकी आर्थिक स्थिति का और बेड़ा गर्क होना तय है. 

यह भी पढ़ेंः जम्मू-कश्मीर में मार्च 2022 से पहले विधानसभा चुनाव की कोशिश में केंद्र

आर्थिक रूप से दिवालियां हो जाएगा पाकिस्तान
पाकिस्तान को अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ), विश्‍व बैंक और यूरोपीय संघ से आर्थिक मदद मिलना भी मुश्किल हो जाएगी. पहले से ही कंगाली के हाल में जी रहे पाकिस्तान की हालात और खराब हो जाएगी. दूसरे देशों से भी पाकिस्तान को आर्थिक मदद मिलना बंद हो सकता है, क्योंकि कोई भी देश आर्थिक रूप से अस्थिर देश में निवेश करना नहीं चाहता है. पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे सूची में डाला था. अक्टूबर 2018 और फरवरी 2019 में हुए रिव्यू में भी पाक को राहत नहीं मिली थी. पाक एफएटीएफ की सिफारिशों पर काम करने में विफल रहा है. इस दौरान पाकिस्तान में आतंकी संगठनों को विदेशों से और घरेलू स्तर पर आर्थिक मदद मिली है.

HIGHLIGHTS

  • अब तक 27 में से 26 कार्यबिंदुओं को ही पूरा किया
  • एफएटीएफ की आज शाम होने वाली बैठक में फैसला
  • चीन छोड़ बाकी सभी सदस्य देश ब्लैकलिस्ट के पक्षधर
INDIA pakistan पाकिस्तान चीन भारत china fatf terror funding एफएटीएफ Grey List ग्रे लिस्ट ब्लैक लिस्ट बैठक
Advertisment
Advertisment