भारतवंशी सांसद ने कैलिफोर्निया में महात्मा गांधी की प्रतिमा को तोड़े जाने के मामले की जांच संघीय जांच ब्यूरो (FBI) से कराने की मांग की है. वहीं, कुछ अन्य सांसदों ने तोड़फोड़ की इस घटना की कड़ी निंदा की है. उत्तरी कैलिफोर्निया के डेविस शहर में सेंट्रल पार्क में गांधी की कांस्य प्रतिमा को पिछले सप्ताह अज्ञात लोगों ने तोड़ दिया था. इस संबंध में एक मामला दर्ज कराया गया था और घटना की जांच की जा रही है. किसान आंदोलन के समर्थन में सिख फॉर जस्टिस के बैनर तले कई देशों में भारतीय दूतावास पर प्रदर्शन के साथ महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनादर कर खालिस्तान समर्थक नारे उछाले गए थे. इन देशों में अमेरिका, ब्रिटेन समेत कनाडा आदि प्रमुख थे, वहां दूतावासों पर खालिस्तान के झंडा-पोस्टर चस्पा कर दीवारों पर नारे लिखे गए थे.
सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा, 'मैं इस दुर्भावनापूर्ण कृत्य की कड़ी निंदा करता हूं और एफबीआई से इसकी जांच नफरत फैलाने वाले अपराध के तौर पर करने की मांग करता हूं, इस अपराध का मकसद भारतवंशी लोगों को डराना-धमकाना है.' उन्होंने कहा, 'शांति और अहिंसा के पुजारी तथा न्याय के लिए अमेरिका समेत दुनिया में अनगिनत अहिंसक संघर्षों को बल देने वाले गांधी की प्रतिमा से तोड़फोड़, एक दुखद घटना है.'
एक अलग बयान में सांसद अमी बेरा ने प्रतिमा से तोड़फोड़ की निंदा की. उन्होंने कहा, 'डॉ मार्टिन लूथर किंग जूनियर और गांधी समेत अन्य नेताओं ने अपने देशों में और विदेश में शांतिपूर्ण और अहिंसक प्रदर्शनों की शुरुआत की थी और यह अमेरिकी लोकतंत्र की एक महत्वपूर्ण निशानी है.' उन्होंने कहा, 'हमारे देश की ताकत हमारी विविधता में निहित है. शांतिपूर्ण तरीके से अपनी राय और असहमति व्यक्त करने की भी हमें इससे शक्ति मिलती है. तोड़फोड़ की घटना अस्वीकार्य है और इस समाज में इसका कोई स्थान नहीं है.'
सांसद जोश हार्डर ने कहा, 'गांधी जीवन भर शांति, अहिंसा और न्याय के लिए खड़ा रहे. हम इस तरह की नफरत वाली घटना की निंदा करते हैं.' सांसद पेट सेसन ने कहा भारत सरकार ने शांति के प्रतीक के तौर पर गांधी की प्रतिमा प्रदान की थी. उन्होंने ट्वीट किया, 'घृणा फैलाने वाले इस तरह के अपराध को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए.'
Source : News Nation Bureau